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आर्थिक सक्षमता में तीन पायदान ऊपर हुई भारतीय नारी

व‌र्ल्ड इकोनोमिक फोरम की रिपोर्ट में भारत 136वें स्थान पर है, 2015 में 139वें स्थान पर था..

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sat, 18 Mar 2017 07:04 AM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2017 07:08 AM (IST)
आर्थिक सक्षमता में तीन पायदान ऊपर हुई भारतीय नारी
आर्थिक सक्षमता में तीन पायदान ऊपर हुई भारतीय नारी

माला दीक्षित, नई दिल्ली। महिलाओं की स्थिति सुधारने और लिंग आधारित भेदभाव दूर करने का सरकार का प्रयास रंग लाने लगा है। भारतीय नारी पहले की तुलना में आर्थिक रूप से सक्षम हुई है। महिलाओं को आर्थिक भागीदारी के अवसर मिलने के मामले में भारत विश्व रैंकिंग में तीन पायदान ऊपर चढ़ा है। हालांकि स्थिति बहुत बेहतर अभी भी नहीं कही जा सकती क्योंकि तीन पायदान ऊपर चढ़ने के बावजूद 144 देशों में भारत का स्थान 136वां है।

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लिंग आधारित भेदभाव दूर करने, महिलाओं की स्थिति सुधारने, उन्हें शोषण मुक्त भेदभाव रहित सुरक्षित माहौल देने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यो का ब्योरा देते हुए शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने लोकसभा के एक लिखित प्रश्न के जवाब में ये जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि वैश्विक लैंगिंक अंतर पर व‌र्ल्ड इकोनोमिक फोरम की 2016 की रिपोर्ट में भारत आर्थिक भागेदारी और अवसर के संबंध में 136वें स्थान पर है। जबकि 2015 में 139वें स्थान पर था।

इससे पता चलता है कि भारत की रैंकिंग में पहले से सुधार आया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के उत्पीड़न, शोषण और भेदभाव की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाता है। महिलाओं के प्रति शोषण, उत्पीड़न और भेदभाव उनकी असमान आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक स्थिति के कारण उत्पन्न होता है। सामाजिक सांस्कृतिक रूढि़यों में इसकी जडे़ं बहुत गहरी हैं।

आर्थिक सक्षमता के लिए राष्ट्रीय महिला कोष, महिलाओं को दी जाने वाली सूक्ष्म वित्त सेवाओं का जिक्र किया गया है। मातृत्व के दौरान रोजगार सुरक्षा देने के लिए मातृत्व अवकाश को बढ़ा कर 26 सप्ताह किया गया है। योजनाओं के क्रियान्वयन की समय समय पर समीक्षा होती है और जरूरत के मुताबिक उसमें सुधार किये जाते हैं।

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