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फीनिक्स पक्षी की तरह अवतरित होगी भारतीय रेल

अगले पांच सालों में भारतीय रेल पौराणिक फीनिक्स पक्षी की तरह अवतरित होगी और अपने बलबूते पर नई ऊंचाइयों को छुएगी। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेलवे अब वैसे नहीं चलेगा जैसे चलता आया है। चाल-ढाल को पूरी तरह बदलना होगा।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 07:08 PM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 07:57 PM (IST)
फीनिक्स पक्षी की तरह अवतरित होगी भारतीय रेल

नई दिल्ली, संजय सिंह। अगले पांच सालों में भारतीय रेल पौराणिक फीनिक्स पक्षी की तरह अवतरित होगी और अपने बलबूते पर नई ऊंचाइयों को छुएगी। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेलवे अब वैसे नहीं चलेगा जैसे चलता आया है। चाल-ढाल को पूरी तरह बदलना होगा।

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प्राचीन यूनानी कथाओं व किंवदंतियों में एक ऐसे विशालकाय फीनिक्स पक्षी का जिक्र है जिसमें घायल होकर खुद-ब-खुद ठीक होने और मर कर पुनर्जीवित होने की क्षमता है। रेलमंत्री के अनुसार, भारतीय रेल की स्थिति फीनिक्स पक्षी जैसी ही है। इसका वर्तमान स्वरूप भले ही मुश्किल भरा है, परंतु भविष्य उज्ज्वल है। इसकी सुस्त और पुरानी छवि को बदलकर इसमें सक्रियता, जागरूकता तथा संपन्नता का समावेश करना होगा।

श्वेत पत्र के मुताबिक, अगले पांच वर्षो में भारतीय रेल का कायापलट होगा। तेज रफ्तार व आधुनिक गाडि़यां, साफ-सुथरे स्टेशन व कुशल कर्मचारी बल इसकी पहचान होंगे। यह देश का मुख्य वाहक और मल्टी मॉडल परिवहन प्रतिष्ठान बनेगी, जिसमें किफायती, सुखद, सुविधाजनक, विश्वसनीय व विश्वस्तरीय यात्रा का एहसास देने की क्षमता होगी। यह अपने संसाधन खुद सृजित करेगी और सुरक्षित व समयबद्ध सेवाएं देने के साथ ट्रेनों की औसत रफ्तार 50 फीसद बढ़ाएगी। यह सालाना डेढ़ अरब टन माल का परिवहन करेगी। इसका परिचालन अनुपात 85 फीसद होगा।

सुधार का रोड मैप :

-ट्रेनों का समय पालन, स्टेशनों व गाडि़यों की सफाई, खानपान सेवाएं और आरक्षण सुविधाओं पर ध्यान।

-प्रीमियम गाडि़यों की संख्या व दूसरी लंबी दूरी गाडि़यों में डिब्बों की संख्या में वृद्धि। सुविधा, सुरक्षा व संरक्षा के लिए डिब्बों उन्नत डिजाइन।

-लाइन क्षमता बढ़ाए बगैर नई गाडि़यों का एलान नहीं। उन्हीं मार्गो पर नई गाडि़यां चलाई जाएंगी जहां यातायात घनत्व कम होगा।

-बिना वाणिज्यिक औचित्य के ट्रेनों के स्टॉपेज देने की परंपरा बंद होगी। इससे नुकसान के साथ लाइन क्षमता भी कम होती है।

-टर्मिनलों व वैगनों(मालगाड़ी के डिब्बों) की उपलब्धता के साथ मालगाडि़यों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी। नए डिजाइन के हल्के वैगन बनाए जाएंगे। डिब्बों व इंजनों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा।

-पार्सल व्यवसाय को सुदृढ़ किया जाएगा और इसके लिए अलग गाडि़यां चलाई जाएंगी।

-किराया-भाड़ा निर्धारित करने के लिए तंत्र बनाए जाएगा। यात्री सेवाओं का उचित मूल्य निर्धारण किया जाएगा।

-डीजल व बिजली की लागत व खपत में कमी की जाएगी। वैकल्पिक ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। बिजली की खरीद प्रतिस्प‌र्द्धी कीमत पर की जाएगी।

-निजी निवेश आकर्षित करने के लिए सार्वजनिक निवेश बढ़ाया जाएगा और प्रक्रियाओं का मानकीकरण किया जाएगा।


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