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यमन में फंसीं हजारों भारतीय नर्सें, पीएम ने मांगी सऊदी से मदद

करीब दो हजार भारतीय नर्स स्वदेश लौटने के इंतजार में युद्धग्रस्त यमन में फंसी हुई हैं। हालांकि, यमन में अब तक किसी भी भारतीय के मारे जाने की सूचना नहीं है। सोमवार को विदेश मंत्रलय ने यह जानकारी दी है। यह भी खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 08:04 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 11:29 AM (IST)
यमन में फंसीं हजारों भारतीय नर्सें, पीएम ने मांगी सऊदी से मदद

तिरुअनंतपुरम। करीब दो हजार भारतीय नर्स स्वदेश लौटने के इंतजार में युद्धग्रस्त यमन में फंसी हुई हैं। हालांकि, यमन में अब तक किसी भी भारतीय के मारे जाने की सूचना नहीं है। सोमवार को विदेश मंत्रलय ने यह जानकारी दी है। यह भी खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए सऊदी अरब के शाह से बात की और इस मामले में मदद करने को कहा है।

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यमन के राष्ट्रपति सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे
गत वर्ष इराक में भी दर्जनों भारतीय नर्सों का अपहरण कर लिया गया था। उसके बाद अब इस अफ्रीकी देश में भारतीय नर्सों की सुरक्षा को लेकर संकट गहरा गया है। इस बीच, सऊदी अरब की अगुआई में खाड़ी सहयोग परिषद की सेना ने यमन में हाउदी विद्रोहियों के ठिकानों पर पांचवीं रात भी हवाई हमले जारी रखे।

यमन से विद्रोहियों को भगाने के अभियान में पाकिस्तान भी सोमवार को शामिल हो गया। पाकिस्तान के एक अधिकारी ने बताया, ‘विद्रोहियों के खिलाफ अभियान में सऊदी अरब को हमारा पूरा समर्थन है। हम उस अभियान में शामिल होंगे।’

यमन में हवाई हमले, 15 विद्रोही सैनिकों की मौत

यमन से लौटे भारतीयों का कहना है कि विशेषकर अदन में स्थिति ज्यादा चिंताजनक है। इनके अनुसार, सऊदी अरब के हवाई हमलों के बाद स्थिति नाजुक हो गई है। साजेश मैथ्यू की पत्नी आशा (29) अदन के अल-नाकिब अस्पताल में तीन वर्षों से कार्य कर रही हैं। इस अस्पताल में 35 भारतीय नर्स कार्यरत हैं। मैथ्यू ने बताया, ‘अस्पताल के आसपास के इलाका अब हाउदी विद्रोहियों के कब्जे में है। शहर का बंदरगाह नष्ट हो गया है और सना की ओर जाने वाली सड़क असुरक्षित है।’

यमन से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने को पाक ने भेजा बोइंग 747

सना से सोमवार को केरल लौटे आइटी कर्मी लिजो जॉर्ज ने बताया, ‘वहां फंसे भारतीय अपने घर नहीं जा सकते हैं। बहुत से लोगों को भोजन-पानी मिलने में दिक्कत आ रही है। उनके वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं है।


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