भारतीय अपराधियों की शरणस्थली बना नेपाल
पड़ोसी देश नेपाल भारतीय अपराधियों की शरणस्थली बन चुका है। भारत में अपराध कर लंबे समय से फरार चल रहे छह बदमाशों की लोकेशन नेपाल में मिली है। इनको पकड़ने के लिए महराजगंज पुलिस इंटरपोल से मदद मांग रही है।
महराजगंज [विश्वदीपक त्रिपाठी]। पड़ोसी देश नेपाल भारतीय अपराधियों की शरणस्थली बन चुका है। भारत में अपराध कर लंबे समय से फरार चल रहे छह बदमाशों की लोकेशन नेपाल में मिली है। इनको पकड़ने के लिए महराजगंज पुलिस इंटरपोल से मदद मांग रही है। इसी तरह विभिन्न जिलों के लगभग 21 अपराधी भी नेपाल में ठिकाना बना कर भारत में गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। गैर मुल्क होने के चलते पुलिस को उन्हें पकड़ने के लिए पापड़ बेलने पड़ते हैं। दोनों देशों की खुली सीमा का लाभ अपराधी बखूबी उठाते हैं।
महराजगंज जिले के ठूठीबारी निवासी कुख्यात अपराधी सरफराज को नेपाल पुलिस ने 22 नवंबर 14 को रूपनदेही जिले के विशुनपुर गांव में हुई मुठभेड़ में मार गिराया था। नेपाल पुलिस के मुताबिक वह विशुनपुर गांव से हथियार लेकर भारत में प्रवेश करने की फिराक में था।
नेपाल का सुमेर चंद लोध नौ दिसंबर 2013 को पुलिसकर्मी को थप्पड़ मार न्यायालय परिसर से फरार हो गया था। तब से यह पुलिस की पकड़ से दूर है। क्राइम ब्रांच की एक टीम नेपाल पुलिस के सहयोग से फरार कैदी के गृह क्षेत्र में भी गई, लेकिन वहां से खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। इसके अलावा जिले के पांच अन्य अपराधियों के नेपाल में छिपे होने की लोकेशन महराजगंज पुलिस को मिली है।
सूत्रों की मानें तो अपराध की दुनिया में दखल रखने वाले शाबिर चुडि़हार, नसीर अली, मियां टीकर, राजू गुरुंग, शब्बीर जैसे 21 अपराधी नेपाल से ही अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं।
पारगमन संधि के बाद भी अड़चन
भारत व नेपाल के बीच पारगमन संधि लागू हुई, लेकिन अभी भी आपराधिक मामलों में अड़चन है। इसका लाभ दोनों देशों में अपराधी उठा रहे हैं।
''महराजगंज में अपराध कर फरार छह अपराधियों की लोकेशन नेपाल में मिली है। इन्हें पकड़ने के लिए इंटरपोल से भी मदद मांगी गई है। इनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। ''
-अतुल शर्मा
एसपी, महराजगंज