नोटबंदी से भारत में नौकरियों व निवेश पर नहीं होगा असर
ओईसीडी ने भारत के बारे में अपने आर्थिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष का विकास दर अनुमान 7.4 फीसद से घटाकर सात फीसद कर दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पेरिस स्थित आर्थिक थिंक टैक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डवलपमेंट (ओईसीडी) के महासचिव एंजेल गुरिया ने नोटबंदी का समर्थन करते हुए कहा कि भारत लेसकैश सोसायटी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इससे देश में निवेश और नौकरियां प्रभावित नहीं होंगी।
ओईसीडी ने भारत के बारे में अपने आर्थिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष का विकास दर अनुमान 7.4 फीसद से घटाकर सात फीसद कर दिया है। हालांकि अगले वित्त वर्ष में विकास दर बढ़कर 7.3 फीसद रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2018-19 में विकास दर बढ़कर 7.7 फीसद तक जा सकती है।
भारत पर आर्थिक सर्वे लांच करने के मौके पर ओईसीडी प्रमुख ने संवाददाताओं को बताया कि जहां पूरी दुनिया में सुस्ती का माहौल है लेकिन भारत का शानदार प्रदर्शन रहा है। सात फीसद विकास दर भी अच्छा ही माना जाएगा। भारत जी-20 देशों में अग्रणी सुधारक बनकर उभरा है। भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के आर्थिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष विकास दर क्रमश: 6.9 और 6.5 फीसद आंकी गई थी। मुख्य सांख्यकीय कार्यालय (सीएसओ) ने मंगलवार को 7.1 फीसद का पिछला अनुमान बरकरार रखा।
भारत को मिले बेहतर रेटिंग
गुरिया ने भारत की रेटिंग पर कहा कि उसे बेहतर रेटिंग दी जानी चाहिए। ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग के मामले में कुछ ज्यादा ही सतर्कता बरत रही हैं। इसी वजह से पिछले 14 वर्षो से उन्होंने भारत की सोवरेन रेटिंग में सुधार नहीं किया है। भारत की रेटिंग सुधरकर पहले न्यूट्रल और बाद में पॉजीटिव हो सकती है। भारत में जिस तरह के सुधार हो रहे हैं, उन्हें नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।
अमेरिकी संरक्षणवाद पर चिंता
ओईसीडी प्रमुख ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संरक्षणवादी नजरिये का विरोध करते हुए कहा कि मौजूदा दौर में बहुपक्षीय कारोबारी माहौल ही उपयुक्त है। इस पर भी आगे बढ़ने की जरूरत है। गुरिया ने कहा कि बहुपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए डब्ल्यूटीओ, संयुक्त राष्ट्र, ओईसीडी, आइएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसे संगठन बनाये गये हैं।
जीएसटी से मिलेगी रफ्तार
इस मौके पर आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा है जीएसटी पर केंद्र व राज्यों के बीच सभी मसलों पर सहमति बन चुकी है। एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद विकास दर को रफ्तार मिलेगी।
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