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भारत को कारोबार सुगमता वाले तीस देशों में कराएंगे शामिल

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को 3-4 साल में दुनिया के शीर्ष 30 देशों में स्थान दिलाने की कोशिश की जाएगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 24 May 2016 09:36 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 10:53 PM (IST)
भारत को कारोबार सुगमता वाले तीस देशों में कराएंगे शामिल

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के साथ इनोवेशन को बढ़ावा देने पर खास जोर है। इसके जरिये भारत को कारोबार सुगमता में अगले 3-4 साल में दुनिया के शीर्ष 30 देशों में स्थान दिलाने की कोशिश की जाएगी। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने यह बात कही है।

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कांत यहां इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आइएएमएआइ) के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। वह बोले कि इनोवेशन के लिए माहौल बेहतर होना शुरू हुआ है। युवा नए कारोबार शुरू करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। मकसद यह है कि भारत कारोबार करने के लिहाज से बेहद सुगम और अत्यंत साधारण स्थान बने।

कांत ने बताया कि भारत ने कारोबार सुगमता में 12 पायदान की छलांग लगाई है। इस दिशा में सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनमें बैंक्रप्सी कानून, ई-बिजनेस प्लेटफॉर्म को मंजूरी के लिए एक व्यवस्था के तहत लाना शामिल है। साथ ही राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल भी बनाया जा रहा है। विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2016 के मुताबिक भारत कारोबार सुगमता के लिहाज से 189 में 130वें स्थान पर है।

कांत ने कहा कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के विस्तार और कनेक्टिविटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने आइएएमएआइ की रिपोर्ट भी जारी की। इसमें भारत के लिए ग्लोबल डाटा सेंटर मार्केट में प्रमुख भूमिका निभाने के अवसरों को रेखांकित किया गया है।

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कांत के मुताबिक, देश में डाटा सेंटर स्थापित करने का फैसला अनिवार्य नहीं किया जा सकता है। यह माहौल के लिए अनुकूल नहीं होगा। डाटा सेंटरों पर अनुकूल नीति और नियम बनाने के लिए उद्योग और आइएएमएआइ जैसी संस्थाओं के साथ भागीदारी में काम करना होगा। सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और ऊर्जा जैसे विभागों के साथ बातचीत शुरू की जाएगी। इससे डाटा सेंटर के लिए सर्वोत्तम इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सकेगा।

एक रिपोर्ट की मानें तो भारत के डाटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर मार्केट के 2020 तक करीब सात अरब डॉलर के हो जाने का अनुमान है। फिलहाल यह 2.2 अरब डॉलर का है। इससे भारत 2020 तक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में डाटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।

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