बांग्लादेश, ईयू और जापान के साथ जल्द होगा परमाणु करार
भारत अगले कुछ दिनों में बांग्लादेश, यूरोपीय संघ और जापान के साथ परमाणु ऊर्जा करार पर हस्ताक्षर करने जा रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन चाहे जितना भी अड़ंगा डाले लेकिन वैश्विक स्तर पर परमाणु तकनीकी हस्तांतरण के मामले में भारत का रसूख दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि एक के बाद एक देश भारत के साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में गहरे संबंध बनाने को लेकर समझौता कर रहे हैं। अगले कुछ दिनों में बांग्लादेश, यूरोपीय संघ और जापान के साथ भी परमाणु ऊर्जा करार पर हस्ताक्षर किया जाएगा।
अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, मंगोलिया, आस्ट्रेलिया समेत 13 देशों के साथ भारत पहले ही परमाणु सहयोग समझौता कर चुका है। इस तरह भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश हो गया है जिसने परमाणु अप्रसार समझौता (एनपीटी) पर हस्ताक्षर किये बगैर ही कई देशों के साथ परमाणु तकनीकी हस्तांतरण का काम कर रहा है।लोक सभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि 13 देशों के साथ सिविल न्यूक्लियर कापरेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया है।
बांग्लादेश, ईयू व जापान के साथ बातचीत पुरी हो चुकी है और जल्द ही इनके साथ भी समझौते किये जाएंगे। वह पहले ही बता चुकी हैं कि भारत वर्ष 2030 तक परमाणु ऊर्जा से 35 हजार मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य ले कर चल रहा है। अभी भारत की परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की क्षमता सिर्फ 5300 मेगावाट है। सूत्रों का कहना है कि भारत अब सिर्फ परमाणु तकनीकी हासिल करने वाला देश नहीं रह गया है बल्कि वह अब दूसरे देशों को परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में भी मदद देने को तैयार है।
बांग्लादेश के साथ जो करार होगा उसमें भारत पड़ोसी देश को परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में मदद भी देगा।यूरोपीय संघ और जापान के साथ होने वाला करार भी काफी अहम होगा क्योंकि ये दोनों परमाणु तकनीकी को लेकर काफी सावधानी बरतने वाले देश हैं। इस करार से भारत की इज्जत परमाणु शक्ति संपन्न देशों में और बढ़ेगी।