चीनी आपत्ति पर भारत का करारा जवाब
सीमाई क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की अपनी योजना पर चीनी आपत्ति को दरकिनार करते हुए भारत सरकार ने कहा कि अपनी जमीन पर ऐसी परियोजनाओं के निर्माण का हमें पूरा हक है और इसे कोई रोक नहीं सकता।
नई दिल्ली। सीमाई क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की अपनी योजना पर चीनी आपत्ति को दरकिनार करते हुए भारत सरकार ने कहा कि अपनी जमीन पर ऐसी परियोजनाओं के निर्माण का हमें पूरा हक है और इसे कोई रोक नहीं सकता।
शनिवार को यहां आयोजित एक समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा, 'हम कुछ खास बुनियादी निर्माण कार्य करेंगे, जो पिछले साठ साल में नहीं किए थे। चीन को मेरे बयान से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए...वे मुझे मेरा काम करने से नहीं रोक सकते।'
रिजिजू ने हाल में बयान दिया था कि मैकमहोन लाइन पर चीन द्वारा बनाई गई सड़कों की बराबरी करने के लिए भारत अरुणाचल प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तवांग जिले के मागो-थिंगबू से चांगलांग जिले के विजयनगर तक सड़क बनाएगा।
चीन ने व्यक्त की थी तीखी प्रतिक्रिया
रिजिजू के इस बयान पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से को लेकर विवाद है। इस बारे में जब तक कोई अंतिम समझौता नहीं हो जाता, तब तक हमें उम्मीद है कि भारत ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करेगा, जिससे मामला और उलझे।
चीन की जमीन पर निर्माण की बात नहीं की
रिजिजू ने शनिवार को कहा कि उन्होंने तो केवल भारत की जमीन पर आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की बात कही थी, चीन की जमीन पर नहीं। रिजिजू ने कहा, 'मैं अरुणाचल प्रदेश से सांसद हूं। मैं संवैधानिक रूप से चुना गया हूं और अपने इलाके के लिए सही काम करना मेरा संवैधानिक अधिकार और जिम्मेदारी दोनों है। सीमा के प्रबंधन का काम भी मैं ही देख रहा हूं।'
रेल लाइन नई बात नहीं
यह पूछने पर कि चीन मैकमहोन लाइन के पास तक रेल लाइन के निर्माण की योजना बना रहा है, रिजिजू ने कहा कि इसमें नया कुछ नहीं है। वे लंबे समय से यह काम कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।
निजी सुरक्षा कंपनियों को बढ़ावा
इसके पहले निजी सुरक्षा उद्योग पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा कि निजी सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि निजी सुरक्षा एजेंसी कानून 2005 में पारित हो गया पर अब तक उस पर अमल नहीं हो रहा है।