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भारत निवेश के लिए आकर्षक स्थल, भरोसेमंद कर-व्यवस्थाः मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा वैश्विक नरमी के बीच भारत को निवेश के लिए आकषर्क जगह करार देते हुए आज कहा कि यहां निवेश करने के मजबूत व्यापारिक मायने हैं। इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों को सरल व विश्वसनीय कर प्रणाली व आईपीआर संरक्षण का आश्वासन दिया। उन्होंने उम्मीद जताई

By anand rajEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 08:01 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 08:21 PM (IST)
भारत निवेश के लिए आकर्षक स्थल, भरोसेमंद कर-व्यवस्थाः मोदी

बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा वैश्विक नरमी के बीच भारत को निवेश के लिए आकषर्क जगह करार देते हुए आज कहा कि यहां निवेश करने के मजबूत व्यापारिक मायने हैं। इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों को सरल व विश्वसनीय कर प्रणाली व आईपीआर संरक्षण का आश्वासन दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि वस्तु व सेवा कर जीएसटी अगले साल से लागू हो जाएगा।

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वे यहां भारत-जर्मनी शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ मंच पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी मौजूद थीं ।मर्केल तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। मोदी ने कहा,‘ हमने जीएसटी विधेयक संसद में पेश किया है। हमें इसके 2016 में लागू होने की उम्मीद है।’ अपनी सरकार द्वारा उठाए गए ‘निर्णायक कदमों’ को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि वह कारोबार में दिवालियापन से संबंधित नयी संहिता और कंपनी कानून न्यायाधिकरण बनाने पर काम कर रही है। सरकार चाहती है कि ‘ वास्तविक निवेशकों व इमानदार करदाताओं के कर मामलों में त्वरित व उचित फैसले हों।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेशकों की लंबे समय से लंबित चिंताओं को दूर करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं जिनमें नियामकीय मंजूरी को तेज करना, औद्योगिक लाइसेंसों की वैधता अवधि में वृद्धि तथा अनेक रक्षा उत्पादों को लाइसेंसमुक्त करना शामिल है।

प्रधानमंत्री ने कहा,‘ हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम पिछली तारीख से काराधान का रास्ता नहीं अपनाएंगे और हमने एफपीआई :विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों: पर न्यूनतम वैकल्पिक कर :मैट: नहीं लगाकर अपनी इस प्रतिबद्धता को और मजबूती से साबित किया है। ’ उन्होंने कहा,‘ इस तरह से केवल 15 महीनों में ही हमने वैश्विक कंपनियों की निगाह में भारत की साख को बहाल कर दिया है।’ सम्मेलन में दोनों देशों की मानी-जारी कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें भारत के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कई दिग्गज शामिल थे।

बौद्धिक संपदा अधिकार :आईपीआर: पर मोदी ने कहा कि भारत सभी नवोन्मेषकों तथा उद्यमियों के आईपीआर की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है और एक विस्तृत राष्ट्रीय आईपीआर नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है जो ‘ प्रगतिशील व भविष्योन्मुखी होगी।’ मोदी ने कहा,‘ मैं कह सकता हूं कि बाहरी प्रतिभाओं, प्रौद्योगिकी व निवेश को स्वीकार करने के लिए भारत इससे पहले इतने अच्छी तरीके से पहले कभी तैयार नहीं था।’ उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को उच्च वृद्धि दर की राह पर ले जाने के लिए जरूरी परिस्थितियां आज भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा,‘ इस समय भारत में आना अच्छी व्यावसायिक समझदारी है और मेक इन इंडिया उससे भी बेहतर समझदारी है।’ उन्होंने कहा,‘ वैश्विक नरमी के समय, भारत निवेश के लिए आकषर्क स्थान प्रस्तुत करता है। हम भाग्यशाली हैं कि हम सही दिशा में जा रहे हैं।’ साथ ही उन्होंने आगाह किया,‘ हम इसी से संतुष्ट हो कर बैठ नहीं सकते।’

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की पहलों के परिणामस्वरूप निजी निवेश व विदेशी निवेश प्रवाह के लिए धारणा सकारात्मक हो गई है। जीडीपी सात प्रतिशत से उपर है जबकि एफडीआई प्रवाह में तुलनात्मक रूप से 40 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक, आईएमएफ, ओईसीडी तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान आने वाले वष्रों में भारत में और अधिक तेज वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के लिए परिदृश्य को उन्नत कर सकारात्मक किया है।

भारत जर्मनी आर्थिक भागीदारी पर मोदी ने कहा कि यह मौजूद संभावनाओं से कम हैं और भारत उन क्षेत्रों में जर्मनी के साथ संबंध विकसित करना चाहते हैं जिनमें वह मजबूत है।

जर्मन कंपनियों के लिए भारत में काम के ‘असीमित’ अवसरों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये 100 स्मार्ट शहरों के विकास के लिए पांच करोड़ आवास बनाने से लेकर रेल नेटकर्व व स्टेशनों के आधुनिकीकरण, नये रेल गलियारों की स्थापना तथा 1,75,000 मेगावाट अक्षय उर्जा उत्पादन से लेकर पारेषण व वितरण लाइनें बिछाने और राष्ट्रीय राजमार्ग, पुल व मेट्रो रेल निर्माण तक के व्यापक दायरे ये अवसर मौजूद होंगे।

मोदी ने कहा,‘ सृजन व उत्पादन के लिए इतनी बड़ी संभावना किसी अन्य एक देश में उपलब्ध नहीं होगी। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि धरती पर कोई भी एक जगह में इतने बड़े पैमाने पर खपत की संभावना नहीं है।’ उन्होंने प्रौद्योगिकी में निवेश पर भी जोर दिया और कहा कि भारत इस समय उस बिंदु पर खड़ा है जहां से 1.25 अरब नागरिकों की अपेक्षओं को पूरा करने के लिए प्रौद्योगकी को उत्तोलक के रप में इस्तेमाल किया जाएगा।’ मोदी व मर्केल की उपस्थिति में पांच बी2बी :बिजनेस से बिजनेस: समझौतों की घोषणा की गयी।


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