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चीनी मीडिया ने सीमा पर हुई घटनाओं के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार

लद्दाख के चुमार इलाके से चीनी सैनिकों की वापसी के बीच चीन की आधिकारिक मीडिया ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यात्रा से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए भारत ने सीमा क्षेत्र में भड़काने वाली घटनाओं को अंजाम दिया। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात के एक

By Edited By: Published: Fri, 19 Sep 2014 04:38 PM (IST)Updated: Fri, 19 Sep 2014 04:38 PM (IST)
चीनी मीडिया ने सीमा पर हुई घटनाओं के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार

बीजिंग। लद्दाख के चुमार इलाके से चीनी सैनिकों की वापसी के बाद चीन की आधिकारिक मीडिया ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यात्रा से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए भारत ने सीमा क्षेत्र में भड़काने वाली घटनाओं को अंजाम दिया।

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चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात के एक दिन बाद चीनी थिंक-टैंक ने यह भी कहा कि भारत ने वार्ता से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाई। लद्दाख इलाके के सीमा क्षेत्र में हुई घटनाओं पर पहली बार किसी चीनी अखबार (ग्लोबल टाइम्स) ने अपनी रिपोर्ट दी है।

गौरतलब है कि मोदी ने चीनी राष्ट्रपति के समक्ष एलएसी पर होने वाली घटनाओं को लेकर चिंता प्रकट करते हुए ऐसी घटनाओं से दोनों पक्षों को बचने की सलाह दी थी। इसके साथ ही मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से एलएसी के निर्धारण में तेजी लाने का भी आग्रह किया था।

सीमा की घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि तत्काल और प्रभावी संपर्क के साथ स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर लिया गया है।

वहीं सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा संचालित एक अन्य अखबार पीपुल्स डेली ने दक्षिण एशिया पर विशेषज्ञता रखने वाले एक गुमनाम प्रेक्षक को कोट करते हुए लिखा है कि चीनी नेता की नई दिल्ली यात्रा से ध्यान हटाने के लिए सीमा के नजदीक भारत ने तनाव पैदा किया। अखबार ने इस महिला विशेषज्ञ के हवाले से लिखा है कि पिछले वर्ष चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग की भारत यात्रा के दौरान भी सीमा के पश्चिमी हिस्से में तीन हफ्ते तक गतिरोध कायम रहा था। दोनों घटनाएं महज संयोग नहीं हो सकती हैं। भारत में कुछ ऐसी ताकतें हैं जो बैठक के एजेंडे को लेकर दबाव बनना चाहते हैं। विशेषज्ञ ने कहा कि वे नहीं चाहते कि बातचीत का एजेंडा व्यापार और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित हो। वो हर हाल में सीमा मुद्दे पर बातचीत के लिए जोर देना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने शी और मोदी के बीच बातचीत के बाद जल्द सीमा विवाद सुलझने पर संशय व्यक्त किया।

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