चीन से कई मामलों में आगे हुआ भारत
छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के मामले में तो भारत चीन से काफी बेहतर है। भारत को चौथा स्थान दिया गया है जबकि चीन का स्थान 119वां है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सिर्फ रणनीतिक तौर पर ही नहीं बल्कि कारोबार की अंतरराष्ट्रीय दुनिया में भी भारत को चीन का सबसे प्रबल प्रतिद्वंदी माना जाने लगा है। विश्व बैंक की तरफ से जारी ईज आफ डूइंग बिजनेस 2018 रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि भारत उद्योग जगत को एक बेहतर माहौल देने में अभी चीन से बहुत पीछे नहीं है।
चीन को समग्र तौर पर 78 स्थान दिया गया है जबकि भारत का स्थान सौंवा है। इससे भी ज्यादा अहम बात यह है कि कई मामलों में भारत की रैकिंग चीन से बेहतर है। मसलन, कर अदाएगी कितना आसान हुआ है इस मामले में भारत का स्थान 119 हैं जबकि चीन को 130वां स्थान मिला है। छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के मामले में तो भारत चीन से काफी बेहतर है। भारत को चौथा स्थान दिया गया है जबकि चीन का स्थान 119वां है।
इसी तरह से कर्ज लेने के मामले में भारत को 29 वां स्थान दिया गया है जबकि चीन को 68वां स्थान दिया गया है। बिजली कनेक्शन लेने के मामले में भी चीन से बेहतर स्थिति भारत की है। वैसे दिवालिया मामलों की सुनवाई, ठेके को लागू करवाने, आयात-निर्यात को सहूलियत देने, संपत्तियों के पंजीयन के मामले में चीन भारत से काफी आगे है। वैसे अगर ब्रिक्स देशों से भारत की तुलना करे तो रूस का स्थान 35वां हैं।
उसके बाद चीन (78वें), दक्षिण अफ्रीका (82वें) और भारत का स्थान है। ब्राजील 125 वें स्थान पर है। वैसे रिपोर्ट के मुताबिक सबसे बेहतर सुधार करने वाले शीर्ष 10 देशों में दक्षिण एशिया और ब्रिक्स समूह से सिर्फ भारत ही शामिल किया गया है। अपनी रैकिंग में सबसे ज्यादा सुधार करने वाले देशों में भारत का स्थान पांचवा है।
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