भारत को उम्मीद पठानकोट मामले पर पाकिस्तान पूरी करेगा शर्त
अब्दुल बासित के बयान से हुई आशंका के बीच सरकार को उम्मीद है कि पठानकोट हमले की संयुक्त जांच पारस्परिक होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के बयान से उपजी आशंका के बीच सरकार का मानना है कि पठानकोट हमले की संयुक्त जांच पारस्परिक होगी। यानी पठानकोट से गई पाकिस्तानी टीम के बाद अब भारत से भी टीम जाएगी। हालांकि अभी सरकार को वहां से औपचारिक संदेश का इंतजार है।
दोनों सदन में सदस्यों ने जताई पाकिस्तान के रुख पर आशंका
गुरुवार को दोनों सदनों में पठानकोट गूंजा। लोकसभा में जहां कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने थोड़ा तंज के लहजे में सुझाव दिया कि पाकिस्तान से किसी भावना में बहकर नहीं बल्कि मजबूती से निपटें। वहीं राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के आनंद शर्मा, जदयू के शरद यादव समेत कुछ अन्य नेताओं से सीधा सवाल पूछा कि भारत से जांच टीम पाकिस्तान जाएगी या नहीं? विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने सीधा जवाब देने की बजाय आश्वस्त किया कि संयुक्त जांच दल का फैसला पारस्परिक था।
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पाकिस्तान सरकार के साथ यह फैसला हुआ था। कोई दूसरा कुछ भी बयान दे तो उससे सरकार का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी विदेश सचिव और भारतीय विदेश सचिव के बीच हाल में हुई मुलाकात केवल औपचारिक थी और उसमें कोई चर्चा नहीं हुई है। लेकिन पाकिस्तानी दल को इसी शर्त पर इजाजत दी गई थी कि भारतीय एनआइए की टीम भी वहां जाएगी। भारत को वहां से औपचारिक संदेश का इंतजार है।
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एक सदस्य ने यह भी जानना चाहा कि क्या एनआइए को जैश के मोहम्मद से पूछताछ करने की इजाजत मिलेगी। तो शरद ने पाकिस्तान से वार्ता में सियाचीन का मुद्दा रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सियाचीन में दोनों ओर के कई सैनिक यूं ही काल के मुंह में समा जाते हैं। वार्ता में यह तय करना चाहिए कि सियाचीन को सैन्यमुक्त किया जाए। यह आपसी समझ बनाने की कोशिश होनी चाहिए। विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस सुझाव पर विचार किया जाएगा।