'1953 में INA का कोष पाक से बांटने को सहमत हो गयी थी नेहरू सरकार'
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित 25 गोपनीय फाइलों को जारी कर दिया गया है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। मंगलवार को नेताजी से जुड़ी गोपनीय फाइलें जारी हुई। इन फाइलों से मिली जानकारी के अनुसार, 1953 में भारत, स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज (आईएनए) और इंडियन इंडिपेंडेंस लीग (आईआईएल) के कोष को पाकिस्तान से साझा करने के लिए सहमत हो गया था।
संस्कृति मंत्रालय में सचिव एनके सिन्हा ने मंगलवार को 7वीं किस्त के तौर पर 25 फाइलों को ऑनलाइन जारी किया। यह खुलासा उस नोट से हुआ है, जो पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ओर से पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी रॉय को 18 अक्टूबर 1953 को लिखे गए एक पत्र से जुड़ा था।
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नेहरू ने पश्चिम बंगाल विधानमंडल की ओर से पारित उस प्रस्ताव पर जवाब दिया था, जिसमें केंद्र सरकार से 'नेताजी और उनकी आजाद हिंद सरकार की ओर से छोड़े गए कोष' की जांच के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया गया था।
नोट में कहा गया, 'सुदूर पूर्व में अंतिम युद्ध की समाप्ति के तुरंत बाद सोने, गहने और कुछ अन्य कीमती सामान आईएनए और आईआईएल के अधिकारियों एवं अन्य से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में जब्त किए गए थे।' नोट में ये भी कहा गया कि इन संपत्तियों को 'कस्टोडियन ऑफ प्रॉपर्टी की ओर से सिंगापुर में रखा गया था' और 1950 में सिंगापुर सरकार की ओर से दी गई सूचना के अनुसार इन संपत्तियों का मूल्य 1,47,163 स्ट्रेट्स डॉलर आंका गया था।
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स्ट्रेट्स डॉलर मलक्का जलसंधि पर ब्रिटेन की बस्तियों की मुद्रा थी। बहरहाल, नोट के मुताबिक पूर्नमूल्यांकन के कारण संपत्तियों का वास्तविक मूल्य का आंकलन करना मुश्किल था। इस नोट के अनुसार, "पाकिस्तान के साथ लंबी वार्ता चल रही थी और वह वह इन परिसंपत्तियों के एक हिस्से पर दावा करता था। अंत में, यह सहमति हुई थी कि इस संपत्ति को 2:1 के अनुपात में भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित किया जाना चाहिए।"