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चीनी रुख के खिलाफ भारत को मिली बड़ी कूटनीतिक सफलता, मिला इस देश का साथ

भारत सरकार ने चीन से लगे इलाके में हालात का जायजा लेने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजने का फैसला किया है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 12:37 AM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 07:16 AM (IST)
चीनी रुख के खिलाफ भारत को मिली बड़ी कूटनीतिक सफलता, मिला इस देश का साथ
चीनी रुख के खिलाफ भारत को मिली बड़ी कूटनीतिक सफलता, मिला इस देश का साथ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डोकलाम में चीन के साथ दो महीने से जारी सीमा विवाद में को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा समर्थन मिला है। जापान ने चीन पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि बल प्रयोग से माहौल को गंभीर करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। भारत में जापान के राजदूत केंजी हीरामात्सु ने यह बयान तब दिया है, जब वाशिंगटन में अमेरिका और जापान के विदेश मंत्रियों ने भारत से सैन्य सहयोग बढ़ाने की पेशकश की है। हीरामात्सु के वक्तव्य से चिढ़े चीन ने शुक्रवार शाम को कहा कि जापान को वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी लेने के बाद ही बयान देना चाहिए।

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जापानी राजदूत के मुताबिक, दो महीने से चल रहा डोकलाम विवाद पूरे क्षेत्र के स्थायित्व के लिए खतरा है। उन्होंने भारत की भूमिका का सीधे तौर पर समर्थन किया है। भारत भूटान और चीन के बीच जारी विवाद में इसलिए पड़ा है कि उसका भूटान के साथ पहले से समझौता है। जापान ने बातचीत से मामला सुलझाने के भारत के प्रयासों को भी सराहा है। भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर जापान से मिले इस समर्थन पर कुछ नहीं कहा है। लेकिन, विदेश मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि जापान का यह समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है।

जब डोकलाम विवाद शुरू हुआ था, तब भारत ने जापान और अमेरिका के साथ मिल कर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास किया था। इसको लेकर चीन की भृकुटियां भी तनी थीं। चीन पहले से ही भारत, जापान और अमेरिका के बीच बढ़ रहे सैन्य सहयोग को संदेह की नजर से देखता रहा है।

बहरहाल, जानकारों की राय में जापान का समर्थन भारत की संयमपूर्ण कूटनीति की जीत है। कई जानकार मान रहे हैं कि जापान ने यह बयान देकर चीन को संकेत दिया है कि वह मामले को बेवजह तनावपूर्ण बनाने की कोशिश न करे और भारत के साथ बातचीत से सुलझाए।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, डोकलाम मुद्दे पर भारत ने हाल के दिनों में दो दर्जन से ज्यादा प्रमुख देशों के राजदूतों को अपने रुख से अवगत कराया है। इसके अलावा दूसरे देशों को वहां स्थित भारतीय राजदूत हालात के बारे में जानकारी दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, वियतनाम समेत कई यूरोपीय देशों ने भारत के रुख का समर्थन किया है।

इस बीच, भारत सरकार ने चीन से लगे इलाके में हालात का जायजा लेने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि अधिकारी सैनिकों और अर्धसैनिक बलों को मिलने वाली सुविधाओं की भी समीक्षा करेंगे।

अगले महीने आएंगे जापानी पीएम

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो एबी की अगुआई में दोनों देशों के रिश्तों में काफी गहराई आ रही है। अगले महीने एबी भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। उनकी यात्रा के दौरान आपसी सहयोग को नई दिशा देने के लिए आयोजित होने वाली सालाना बैठक भी होगी। माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान भारत व जापान एक दूसरे को रणनीतिक साझेदार घोषित करेंगे।

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