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चरम पर होगा रोमांच, 32 साल बाद भिड़ेंगे भारत-पाक

बस एक जीत और खत्म हो जाएगा 16 साल का स्वर्ण पदक का इंतजार। साथ ही मिल जाएगा 2016 रियो ओलंपिक का टिकट और पूल में मिली हार का हिसाब भी बराबर हो जाएगा। इसी लक्ष्य के साथ भारतीय हॉकी टीम गुरुवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मुकाबला खेलने मैदान में उतरेगी। दोनों टीमों के बीच दक्षिण एशिया

By Sudhir JhaEdited By: Published: Wed, 01 Oct 2014 10:12 PM (IST)Updated: Wed, 01 Oct 2014 07:12 PM (IST)
चरम पर होगा रोमांच, 32 साल बाद भिड़ेंगे भारत-पाक

इंचियोन। बस एक जीत और खत्म हो जाएगा 16 साल का स्वर्ण पदक का इंतजार। साथ ही मिल जाएगा 2016 रियो ओलंपिक का टिकट और पूल में मिली हार का हिसाब भी बराबर हो जाएगा। इसी लक्ष्य के साथ भारतीय हॉकी टीम गुरुवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मुकाबला खेलने मैदान में उतरेगी।

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दोनों टीमों के बीच दक्षिण एशियाई शैली की हॉकी का मनोरम नजारा यहां देखने को मिलेगा। लीग मुकाबले की तरह इसमें भी जज्बे और आक्रामकता की कोई कमी नहीं होगी। लीग चरण में हालांकि भारत को 1-2 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। भारत और पाकिस्तान एशियन गेम्स के फाइनल में पिछली बार 1982 में नई दिल्ली के ध्यान चंद स्टेडियम में आमने-सामने हुए थे और तब पाकिस्तान ने उलटफेर करते हुए 7-1 से दर्ज की थी। इसके बाद बाद गोलकीपर मीर रंजन नेगी और डिफेंस की काफी आलोचना हुई थी।

एशियाई हॉकी में इसके बाद दक्षिण कोरिया ने काफी प्रगति की जिससे यह दोनों टीमों अब तक फाइनल में दोबारा कभी नहीं भिड़ सकी। गुरुवार को होने वाला फाइनल दोनों टीमों के बीच एशियन गेम्स में सातवीं खिताबी भिड़ंत होगी। इससे पहले भारत सिर्फ दो मौकों पर जीतने में सफल रहा है। उसने पिछली जीत 1966 बैंकॉक खेलों में दर्ज की थी।

फाइनल में दोनों ही टीमों पर काफी दबाव होगा और वही टीम जीतेगी जो दबाव से बेहतर तरीके से निपटने में सफल रहेगी। 1982 के बाद पाकिस्तान और भारत 1990 में बीजिंग में हुए एशियन गेम्स में भी पहले दो स्थानों पर रहे, लेकिन तब प्रतियोगिता राउंड रॉबिन आधार पर खेली गई थी। भारत ने शीर्ष पर रहते हुए स्वर्ण पदक जीता था और भारत को 3-2 से हराया था। भारत ने पिछली बार स्वर्ण पदक 1998 बैंकॉक खेलों में धनराज पिल्लै की अगुआई में जीता था।

भारत ने पिछली बार 2002 में बुसान खेलों के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन तब उसे मेजबान दक्षिण कोरिया के हाथों 3-4 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। भारत ने अब 12 साल बाद फाइनल में जगह बनाई है। दूसरी तरफ गत चैंपियन पाकिस्तान की निगाहें अपने नौवें स्वर्ण पदक पर टिकी हैं। पूल चरण में पाकिस्तान की टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया था और उसका आक्रमण तथा डिफेंस दोनों मजबूत नजर आ रहे थे। भारत ने हालांकि कई मौके गंवाए। मंगलवार को आकाशदीप सिंह ने रचनात्मकता का शानदार नजारा पेश करते हुए कोरिया के खिलाफ मैदानी गोल दागकर भारत को जीत दिलाई थी। टीम को अन्य खिलाड़ियों से भी ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद है।

पाकिस्तान के खिलाफ इस तरह की रचनात्मकता काफी अहम हो सकती है क्योंकि उसके बाद कुछ शानदार खिलाड़ी हैं जिसमें प्ले मेकर शफकत रसूल मुख्य हैं। मिडफील्ड में कोरिया के खिलाफ भारतीय कप्तान सरदार सिंह और मनप्रीत सिंह ने शानदार प्रदर्शन किया। टीम को फाइनल में भी उनसे इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद होगी, क्योंकि यह दोनों पाकिस्तान के खिलाफ लीग मैच में प्रभाव छोड़ने में विफल रहे थे। भारतीय स्ट्राइकर हालांकि अब तक टूर्नामेंट में ख्याति के अनुसार प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं और उन्होंने कई मौके गंवाए हैं।

भारत-पाक आमने-सामने

ओवरऑल प्रदर्शन

कुल मैच, भारत जीता, पाक जीता, ड्रॉ, भारत के गोल, पाक के गोल

159, 53, 78, 28, 307, 370

एशियन गेम्स में

कुल मैच, भारत जीता, पाक जीता, ड्रॉ, भारत के गोल, पाक के गोल

14, 03, 09, 02, 14, 27

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