Move to Jagran APP

यूएन की स्थाई सदस्यता पर भारत की कोशिश तेज

विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वराज की अगुवाई में हुई दो बैठकों का हवाला दिया और जर्मनी, जापान और ब्राजील के विदेश मंत्रियों के साथ समूह-4 देशों की बैठक में हिस्सा लिया।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Fri, 22 Sep 2017 07:14 PM (IST)Updated: Fri, 22 Sep 2017 07:14 PM (IST)
यूएन की स्थाई सदस्यता पर भारत की कोशिश तेज
यूएन की स्थाई सदस्यता पर भारत की कोशिश तेज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य बनने को लेकर भारत की कूटनीतिक कोशिशें एक बार फिर तेज होती दिख रही हैं। अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र के सालाना अधिवेशन में भाग लेने गई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगुवाई में कई स्तरों पर इसकी कोशिशें हो रही हैं।

loksabha election banner

भारतीय पक्षकार मान रहे हैं कि जिस तरह से वैश्विक हालात बदल रहे हैं उसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा स्वरूप को बदलने की प्रक्रिया को ज्यादा दिनों तक नहीं रोका जा सकता। ऐसे में यह माकूल माहौल है कि भारत वैश्विक स्तर पर अपने बढ़ते रुतबे के मुताबिक स्थाई सदस्यता पाने की कोशिश को तेज करे।

विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वराज की अगुवाई में हुई दो बैठकों का खास तौर पर हवाला दिया। स्वराज ने जर्मनी, जापान और ब्राजील के विदेश मंत्रियों के साथ समूह-4 देशों की बैठक में हिस्सा लिया। उक्त चारों देश सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य बनाने के सबसे बड़े उम्मीदवार हैं।

इन चारों ने संयुक्त तौर पर सभी देशों से आग्रह किया कि यूएन में सुधार को अब ज्यादा दिनों तक नहीं टाला जाना चाहिए। चारों देशों ने अपनी तरफ से एक लिखित प्रतिवेदन भी दायर किया है। इसके पहले स्वराज ने अमेरिका की अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर बुलाई गई एक अन्य बैठक में भी हिस्सा लिया। साथ ही भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की तरफ से बनाये गये दक्षिण हिस्से में स्थित देशों की एक अलग बैठक भी हुई जिसमें यूएन में सुधार एक अहम एजेंडा रहा।

गुरुवार को ब्रिक्स देशों (भारत, ब्राजील, रुस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की एक अलग बैठक हुई। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि रूस और चीन ने संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा स्वरूप में बदलाव और ब्रिक्स के शेष तीन देशों ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत की बड़ी भूमिका निर्धारित करे की मांग की गई है। रूस और चीन दोनो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं।

वैसे ब्रिक्स के बाहर भारत की सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य बनाने के मुद्दे पर चीन का रुख अभी तक नकारात्मक है। स्थाई परिषद के शेष चारों सदस्य भारत की दावेदारी के पक्षधर हैं लेकिन चीन की वजह से यूएन में सुधार नहीं हो पा रहा।

यूएन के नये महासचिव एंटोनियो गुएटर्स ने कहा है कि उनके कार्यकाल के दौरान यूएन को 21वीं सदी के मुताबिक बनाने पर जोर होगा। हाल के दिनों में अमेरिका ने भी साफ संकेत दिए है कि वह इसके पक्ष में है।

यह भी पढ़ें: UN में स्‍थायी सदस्‍यता के नाम पर कहीं 'भारत' को धोखा तो नहीं दे रहे ये देश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.