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184 जिलों में सुधरेगी स्वास्थ्य सुविधाओं की हालतः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर आयोजित एक 'ग्लोबल कॉल टू एक्शन समिट 2015’ वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में गर्भवती माताओं और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर कम करने के उपायों पर चर्चा की जा रही है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2015 08:36 AM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2015 03:39 PM (IST)
184 जिलों में सुधरेगी स्वास्थ्य सुविधाओं की हालतः पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर आयोजित एक 'ग्लोबल कॉल टू एक्शन समिट 2015’ वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में गर्भवती माताओं और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर कम करने के उपायों पर चर्चा की जा रही है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने देश के 184 जिलों की स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत सुधारने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश 184 जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बेहद खराब है जिनकी पहचान की गई है। इन जिलों में अधिक संसाधन लगाए जाएंगे और कई कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

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इस सम्मेलन में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा समेत 24 देशों के मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल भी भाग ले रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा ऐसे सम्मेलन के माध्यम से हमें मातृत्व मृत्यु दर कम करने के समान लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को मातृ-नवजात टेटनस फ्री देश घोषित किया है।

मोदी ने कहा कि पहली बार इस सम्मेलन को अमेरिका से बाहर किसी दूसरे देश में आयोजित किया जा रहा है। मैं यह देखकर अभिभूत हूं कि इस समस्या के समाधान के लिए 24 देशों के प्रतिनिधि यहां उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार दुनिया ने पोलियो को मिटाने में सफलता पाई है, उसी प्रकार जच्चा-बच्चा मृत्यु दर को घटाने में भी हम सफल होंगे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम मिशन इंद्रधनुष का भी उद्घाटन किया।

गौरतलब है कि भारत दुनिया के उन पिछड़े देशों में शामिल हैं जहां जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर अधिक है। डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक में देश में प्रति लाख गर्भवती महिलाओें में से 190 मामलों में जच्चा या बच्चा की मौत हो जाती है। इस मामले में हम पाकिस्तान और श्रीलंका से भी पीछे हैं जहां मातृ-शिशु मृ्त्यु दर 170 के आसपास है।

कॉल टू एक्शन 2015 नामक इस सम्मेलन में उन सभी क्षेत्रों पर चर्चा की जा रही है जो पानी, पोषण, स्वच्छता, स्वास्थ्य वित्त पोषण, कारपोरेट साझेदारी, महत्वपूर्ण खोजों एवं जवाबेदही से जुड़े हैं।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्यों के बीच असमानता को दूर करने वाली एक समान सेवा मुहैया कराने का वादा करते हुए आज कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले 184 जिलों की पहचान की गयी है जहां अधिक संसाधन प्रदान किये जायेंगे और केंद्रित कार्यक्रमों को लागू किया जायेगा। माता एवं बाल स्वास्थ्य समेत विविध क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत पांच वर्ष से कम आयु वर्ग में मृत्यु दर को कम करने के लिए सह्रस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों को हासिल करने के करीब पहुंच जायेगा।

मोदी ने कहा कि देश को एक ऐसी व्यवस्था को संस्थागत रूप देने की जरुरत है जहां वंचित समुदायों को सार्वभौम स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय संरक्षण प्राप्त हो सके क्योंकि स्वास्थ्य संबंधी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रमों से लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं।

उन्होंने कहा, 'हमारा खास जोर समता स्थापित करने पर है। राज्यों में असमानता से प्रभावितों के लिए पूरे क्षेत्र में समतामूलक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम के तौर पर और स्वास्थ्य परिणामों के तीव्र सुधार के संदर्भ में पूरे देश में खराब प्रदर्शन करने वाले 184 जिलों की पहचान की गयी है।' मोदी ने कहा कि इन इलाकों में अधिक संसाधन प्रदान किये जाने और केंद्रीत कार्यक्रमों को लागू करने की दिशा में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

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