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जानिए- संयुक्त राष्ट्र में पाक को अाईना दिखाने वाली ये भारतीय महिला कौन हैं

संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में कड़े शब्दों में पाकिस्तान के आतंकी सहयोग की हकीकत को उजागर किया था।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 26 Sep 2017 10:37 AM (IST)Updated: Tue, 26 Sep 2017 01:18 PM (IST)
जानिए- संयुक्त राष्ट्र में पाक को अाईना दिखाने वाली ये भारतीय महिला कौन हैं
जानिए- संयुक्त राष्ट्र में पाक को अाईना दिखाने वाली ये भारतीय महिला कौन हैं

संयुक्त राष्ट्र (आइएएनएस)। भारत ने सोमवार को पाकिस्तान के आरोपों का करारा जबाव देते संयुक्त राष्ट्र को बताया कि जो तस्वीर पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने दिखाई थी वह फलस्तीन की रहने वाली महिला की है। पाकिस्तान यह झूठी तस्वीर दिखाकर अपनी जमीन पर पल रहे आतंकवाद से संयुक्त राष्ट्र का ध्यान भटकाना चाहता है।

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संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में कड़े शब्दों में पाकिस्तान के आतंकी सहयोग की हकीकत को उजागर किया था। इसी बात से बौखलाकर पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने आम सभा के सामने एक महिला की तस्वीर दिखाकर उसे कश्मीरी पीड़ित बताया था। बाद में पता चला कि वह फोटो फलस्तीन की रहने वाली गाजा हमलों की पीड़िता राव्या अबु जोम की है। इस फोटो को पत्रकार हैदी लेविन ने क्लिक किया था। जब यह तस्वीर क्लिक की गई थी तब वह 17 साल की थी।

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने ये हरकत संयुक्त राष्ट्र आम सभा के सामने उनके देश को फिजूल में बदनाम करने के लिए की थी। पॉलोमी ने पाकिस्तान की इस झूठी तस्वीर के साथ ही कश्मीर में शहीद हुए लेफ्टिनेंट उमर फयाज की तस्वीर भी आम सभा में दिखाई। उन्होंने कहा कि उमर फयाज की फोटो कश्मीर की उस असलियत को बयान कर रही है, जहां पाकिस्तान की मदद के चलते आतंकवादी ऐसी बर्बरता कर रहे हैं।

गौरतलब है कि शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए थे। भारत ने वैज्ञानिक और इंजीनियर बनाए जबकि पाकिस्तान ने आतंकी पैदा किए हैं।

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कौन हैं पॉलोमी त्रिपाठी?
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की सबसे वरिष्ठ अधिकारी मलीहा लोधी को तगड़ा जवाब देने वाली भारत की पॉलोमी त्रिपाठी 2007 बैच की IFS अधिकारी हैं। वह संयुक्त राष्ट्र के भारत के स्थायी मिशन की सबसे जूनियर अधिकारी हैं। मिशन का नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारी सैयद अकबरुद्दीन करते हैं। पॉलोमी त्रिपाठी ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए और एमफ़िल किया है।

वो सेंटर फॉर स्टडी ऑफ़ रीजनल डेवलपमेंट में पढ़ाई किया करती थीं। मूल रूप से कोलकाता की रहने वालीं पॉलोमी का विवाह साल 2007 में हुआ और उनके पति दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। वो शुरू से ही फॉरेन सर्विस में जाना चाहती थीं। उनका परिवार इस बात पर काफ़ी गर्व महसूस कर रहा है लेकिन उनका कहना है कि ये टीम वर्क है। पॉलोमी इसी साल जून में यूएन में गई और उन्हें मौजूदा ज़िम्मेदारी संभाले हुए कुछ ही महीने हुए हैं।

पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारत ने पॉलोमी त्रिपाठी को काफी सोच समझकर चुना। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर लताड़ा था।  उन्होंने कहा था कि भारत ने युवाओं को आगे बढ़ाया, बड़े-बड़े संस्थान बनाए लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन बनाए। सुषमा की बात को आगे बढ़ाने के मकसद से पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सबसे युवा अधिकारी को चुना गया। त्रिपाठी भारत के स्थायी मिशन में मानवाधिकार का विषय देखती हैं।


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