चीन-पाक के बीच परमाणु करार, भारत चिंतित
चीन और पाकिस्तान के बीच परमाणु करार पर चिंता जाहिर करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार ने चीन के समक्ष यह मामला उठाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान के बीच परमाणु करार पर चिंता जाहिर करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार ने चीन के समक्ष यह मामला उठाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
बुधवार को स्वराज ने लोकसभा में कहा कि हम पूरी तरह तैयार हैं (खतरों से निपटने के लिए) और हम पूरी तरह सतर्क हैं। हम भारत को कोई नुकसान नहीं होने देंगे। उन्होंने जोरदार शब्दों में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए सरकार हमेशा वचनबद्ध है।
पाकिस्तान द्वारा चीन से किए गए परमाणु करार को देखते हुए सरकार द्वारा राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही।
वचनबद्धता पूरी करें
उन्होंने कहा कि इस करार का वैश्विक अप्रसार मानदंडों पर पड़ने वाला असर सरकार के लिए हमेशा चिंता का विषय रहेगा। सरकार का मानना है कि परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में विभिन्ना देशों द्वारा दिए गए वचनों से उन देशों को बंधा होना चाहिए।
चीन दो रिएक्टर देगा
प्रश्नकाल के दौरान स्वराज ने कहा कि चीन द्वारा पाकिस्तान को दो अतिरिक्त परमाणु बिजलीघरों की आपूर्ति के करार के बारे में सरकार जानती है। अभी इनका निर्माण किया जा रहा है। चीन द्वारा दिए गए दो परमाणु बिजलीघर पाकिस्तान में पहले ही काम कर रहे हैं।
भारत ने चीन से बात की
स्वराज ने कहा कि भारत ने चीन के समक्ष यह मामला उठाया है। चीन का कहना है कि पाकिस्तान को परमाणु आपूर्ति उसकी अंतरराष्ट्रीय वचनबद्धता के अनुरूप है। यह केवल शांतिपूर्ण उपयोग के लिए है।
चीन की जिम्मेदारी
स्वराज ने कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह का सदस्य होने के नाते चीन की यह जिम्मेदारी है कि वह परमाणु सामग्री के निर्यात के जरूरी सुरक्षा प्रबंध भी सुनिश्चित करे।
साभार-नई दुनिया