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भारत ने UN में उठाई आवाज, आतंकियों को इंटरनेट से किया जाए दूर

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादियों को इंटरनेट प्रौद्योगिकी के जरिये आतंक फैलाने से रोकने के लिए प्रबंधन में बदलाव का आह्वान किया है।

By ChandanEdited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 09:34 AM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 10:02 AM (IST)
भारत ने UN में उठाई आवाज, आतंकियों को इंटरनेट से किया जाए दूर

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में 2008 के मुंबई हमले में इंटरनेट प्रौद्योगिकी के हुए इस्तेमाल का उल्लेख करते हुए आतंकवादियों को इसके जरिये आतंक फैलाने से रोकने के लिए इंटरनेट के प्रबंधन में बदलाव का आह्वान किया है।

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संबंधित सत्र में भारतीय राजदूत अशोक कुमार मुखर्जी ने कहा कि प्रौद्योगिकी और संचार का और अधिक बर्बर आतंकी कृत्य में इस्तेमाल आसानी से बढ़ रहा है।

उन्होंने मुंबई हमले को याद करते हुए कहा, 'यह पहला मौका था जब हमने आतंकी गतिविधियों को निर्देश देने वाले वॉइस ओवर प्रोटोकॉल का सामना किया।'

मुखर्जी ने कहा, 'हम मानते हैं कि अगर हम प्रभावी तरीके से इसका सामना करने को लेकर गंभीर हैं, तो हमें आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट के दुरुपयोग को रोकने के लिए मौजूदा वैश्विक इंटरनेट अधोसंरचना प्रबंधन में आवश्यक बदलाव के लिए सहमत होना होगा।'

उन्होंने परिषद से कांप्रिहिंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरररिज्म के जल्द समाधान के लिए मिलकर आवाज उठाने की अपील की, जो कि सभी देशों पर आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमा करने और उनका प्रत्यर्पण करने का दबाव डालेगा।

परिषद में यह चर्चा उस खुलासे के बाद हुई है, जिसमें कहा गया है कि यूरोप सहित 80 देशों के 15,000 विदेशी लड़ाके सीरिया, इराक और अन्य पड़ोसी देशों में आतंकवादी संगठन से जुड़ गए हैं।

सत्र में 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की, जिसकी अध्यक्षता ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशप ने की।

कनाडा के स्थायी उप प्रतिनिधि माइकल डगलस ने 2008 के मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इसने यह जाहिर किया है कि कैसे संप्रभु देश के समर्थन से आतंकवादी और खतरनाक हो सकते हैं।

पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने कहा कि उनके देश का अनुभव कहता है कि आतंकवादी और हिंसक चरमपंथियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

परिषद की तरफ से बयान जारी करते हुए बिशप ने कहा कि सभी देशों को इंटरनेट और सोशल मीडिया पर हिंसक कट्टरपंथ के प्रचार का विरोध करना चाहिए।

साभार - नई दुनिया


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