Move to Jagran APP

चटवाल को सम्मान के बदले हिलेरी ने कराया परमाणु समझौता

क्लिंटन फाउंडेशन में भारतीय मूल के होटल व्यवसायी संत चटवाल के चंदा देने की आंच भारत तक पहुंच रही है। पीटर स्विेजर की एक विवादित किताब 'क्लिंटन कै श' में आरोप लगाया गया है कि फाउंडेशन में भारतीय नेताओं व संस्थाओं ने चंदा दिया। चंदे के एवज में ही 2008

By Sachin kEdited By: Published: Wed, 06 May 2015 12:28 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 05:56 AM (IST)
चटवाल को सम्मान के बदले हिलेरी ने कराया परमाणु समझौता

वाशिंगटन। क्लिंटन फाउंडेशन में भारतीय मूल के होटल व्यवसायी संत चटवाल के चंदा देने की आंच भारत तक पहुंच रही है। पीटर स्विेजर की एक विवादित किताब 'क्लिंटन कै श' में आरोप लगाया गया है कि फाउंडेशन में भारतीय नेताओं व संस्थाओं ने चंदा दिया। चंदे के एवज में ही 2008 में भारत-अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु समझौते को समर्थन मिला। हिलेरी क्लिंटन उस समय सिनेटर थीं और उनको प्रभावित करने की कोशिश हुई।

loksabha election banner

इस आरोप का हिलेरी क्लिंटन ने खंडन किया है। इस बाबत उनके प्रवक्ता जोश सिवरेन ने कहा कि किताब एक साजिश के तहत लिखी गई है। इसमें आरोप लगाया गया कि उस समय भारत पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने में हिलेरी की महत्वपूर्ण भूमिका थी।

बाद में भारत सरकार ने एक प्रस्ताव पारित कर हिलेरी के पारिवारिक मित्र व अमेरिकी होटल व्यवसाई संत चटवाल को पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा। आरोप यह भी है कि हिलेरी से रिश्ते कायम करने को न सिर्फ लाखों रुपये खर्च किए गए, बल्कि क्लिंटन फाउंडेशन में भी बड़ा चंदा दिया गया। इस चंदे को भारत से जोड़कर दिखाया गया है।

किताब के सार्वजनिक होने के बाद क्लिंटन फाउंडेशन के चंदे का मामला फिर से गरमा गया है। इससे राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकीं हिलेरी क्लिंटन की परेशानी बढ़ गई है।

पढ़ेंः रूसी चंदे पर घिरी हिलेरी

फाउंडेशन के बचाव में उतरे क्लिंटन, कहा-विदेश से चंदा लेना पाप नहीं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.