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भारत ने सौंपा सेवा क्षेत्र में टीएफए का प्रस्ताव

निर्मला ने वस्तुओं पर टीएफए का स्वागत करते हुए कहा कि इस पर अमल से विश्व व्यापार को कई तरह से बढ़ावा मिलेगा।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 24 Feb 2017 12:37 AM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2017 01:08 AM (IST)
भारत ने सौंपा सेवा क्षेत्र में टीएफए का प्रस्ताव
भारत ने सौंपा सेवा क्षेत्र में टीएफए का प्रस्ताव

नई दिल्ली, प्रेट्र। वस्तुओं की आवाजाही आसान बनाने वाला बहुपक्षीय व्यापार समझौता लागू होने के बाद भारत ने सेवा क्षेत्र में भी ऐसी ही व्यवस्था लाने की पहल की है। भारत सरकार ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को सेवा में व्यापार सुविधा समझौते यानी टीएफए के लिए वार्ता शुरू करने के संबंध में गुरुवार को प्रस्ताव सौंप दिया। इस प्रस्ताव का मकसद पेशेवरों की आवाजाही से जुड़े नियमों को उदार बनाना और सेवा क्षेत्र की रफ्तार बढ़ाने के लिए लेनदेन लागत घटाने संबंधी अन्य कदम उठाना है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमणन ने यह जानकारी दी।

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निर्मला ने वस्तुओं पर टीएफए का स्वागत करते हुए कहा कि इस पर अमल से विश्व व्यापार को कई तरह से बढ़ावा मिलेगा। इससे लेनदेन लागत में कमी आएगी। जहाजों की आवाजाही का समय बचेगा। साथ ही रियल टाइम जानकारी भी मिलेगी। दो-तिहाई सदस्य देशों की सहमति मिलने के बाद बुधवार से यह समझौता प्रभावी हुआ है। इसका लाभ खासकर विकासशील देशों को मिल सकता है।

सीतारमण के मुताबिक, भारत ने जेनेवा में गुरुवार को सेवा क्षेत्र में टीएफए पर वार्ता शुरू करने का प्रस्ताव डब्ल्यूटीओ को दिया है। अब विश्व व्यापार संगठन की विशेष समिति इस पर विचार करेगी। भारत सेवाओं में व्यापार सुविधा समझौता करने के लिए लगातार जोर दे रहा है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सेवा क्षेत्र की 60 फीसद हिस्सेदारी है। इस क्षेत्र में 28 फीसद लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

फियो ने बताया फायदेमंद

भारतीय निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो ने बुधवार को हुए टीएफए को फायदेमंद बताया है। संगठन के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि इस समझौते की वजह से वस्तुओं की आवाजाही, क्लीयरेंस और रिलीज से जुड़े ग्लोबल नियम आसान हो जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय व्यापार ज्यादा सुगम हो सकेगा। ट्राजैक्शन लागत घटने से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

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