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सीमाओं पर फायर पॉवर को बढ़ाने के लिए भारत तैनात करेगा यह घातक हेलीकॉप्टर

पठानकोट एयरबेस में पहले से ही रूसी मूल एमआई -35 के हेलीकॉप्टर का एक घटक है, जबकि असम के जोरहाट को पहली बार एक इस हेलीकॉप्टर की सौगात मिल रही है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 10:36 AM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 11:40 AM (IST)
सीमाओं पर फायर पॉवर को बढ़ाने के लिए भारत तैनात करेगा यह घातक हेलीकॉप्टर
सीमाओं पर फायर पॉवर को बढ़ाने के लिए भारत तैनात करेगा यह घातक हेलीकॉप्टर

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत जल्द ही सीमा पर दुश्मनों पर अपने गोलाबारी क्षमता को बढ़ावा देने के लिए अपने घातक अमेरिकी अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर को पठानकोट एयरबेस और असम के जोरहाट में तैनात करने की योजना बना रहा है। यह पाकिस्तान और चीन के साथ भारतीय सीमा पर वायुसेना की क्षमता को मजबूत करेगा।

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रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, "पठानकोट एयरबेस में पहले से ही रूसी मूल एमआई -35 के हेलीकॉप्टर का एक घटक है, जबकि असम के जोरहाट को पहली बार एक इस हेलीकॉप्टर की सौगात मिल रही है। भारतीय पायलटों और वायु सेना को भी इन हेलिकॉप्टरों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। 

भारतीय वायु सेना लंबे समय तक ऐसे हेलीकाप्टरों का संचालन कर रही है, लेकिन थल सेना भी अब वायु सेना पर नियंत्रण करना चाहता है, क्योंकि इनका मानना है कि इसके पायलट जमीन पर आपरेशनों के समर्थन के लिए बेहतर अनुकूल होंगे। भारतीय सेना में अपाचे पहला शुद्ध हमलावर हेलीकॉप्टर होगा। गौरतलब है कि, भारतीय वायुसेना के पास जो हमलावर हेलिकॉप्टर हैं वे सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं। 

जुड़वां इंजन वाला अपाचे हेलीकॉप्टर दो पायलटों द्वारा संचालित किया जाता है, जो अपने डोनट आकार के लोंग्बो रडार के साथ 256 लक्ष्य का पता लगाने और उन्हें एक साथ करने में सक्षम है। अगले दो सालों में इन हेलिकॉप्टरों को चिनूक -64 डी भारी लिफ्ट हेलीकाप्टरों के साथ भारतीय वायुसेना तक पहुंचाया जाएगा, जिसका इस्तेमाल लद्दाख जैसे उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के इस्तेमाल के लिए किया जाएगा। बता दें कि, भारत ने रूसी और अमेरिकी फर्मों से लगभग आठ वर्ष की निविदा प्रक्रिया के बाद एक साथ अपाचे और चिनूक हेलीकाप्टर के लिए सौदों पर हस्ताक्षर किए थे। चिनूक हेलिकॉप्टरों की चंडीगढ़ एयरबेस पर तैनात किये जाने की योजना है। 

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के द्वारा बड़ी संख्या में लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) बनाए जाने की योजना है, जिसे सेना और आईएएफ द्वारा दोनों पश्चिमी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। एचएएल ने एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर (ध्रुव) का एक हथियार संस्करण भी विकसित किया है, जिसे रुद्र कहा जाता है। इसे पूर्वोत्तर में लिकाबाली और पाकिस्तान के पास भटिंडा जैसी ठिकानों के बिना तैनात किया जा रहा है।

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