मसूद की 'आर्मी' पर भारत पहले से सतर्क
जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर की नई धमकी में जो बातें कही गई हैं उन्हें भारतीय खुफिया एजेंसी बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर की नई धमकी में जो बातें कही गई हैं उन्हें भारतीय खुफिया एजेंसी बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही हैं। भारत को पिछले दो वर्षों से जैश की बढ़ रही गतिविधियों और हमला करने को लेकर बढ़ रही बेचैनी की पक्की सूचना मिलती रही है। यही वजह है कि भारत में न सिर्फ जैश के नेटवर्क को पूरी तरह से नेस्तानाबूद किया जा चुका है बल्कि ऊधमपुर और पठानकोट में उसके हमले को भी सफल नहीं होने दिया गया। इसके बावजूद खुफिया एजेंसियां छोटे-छोटे समूहों में भारत में हमला करने की क्षमता को लेकर सतर्क हैं।
सूत्रों का कहना है कि जैश के बयान से उसकी बेचैनी साफ नजर आ रही है। पहले वह भारत को अपना दुश्मन बताता था लेकिन अब वह पाकिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार को भी परोक्ष तौर पर दुश्मन ठहराने लगा है। इससे इस बात का भी संकेत मिलता है कि जैश के खिलाफ पाकिस्तान में वाकई कार्रवाई हो रही है। पिछले हफ्ते पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने भी कहा था कि पठानकोट हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जबकि पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि पठानकोट हमले को लेकर उनकी जांच एजेंसियां जल्द ही सही नतीजे तक पहुंच जाएंगी। इसके बाद ही जैश की मुखिया की तरफ से एक वीडियो सामने आया है जिसमें कहा गया है कि अगर उनकी गतिविधियों पर नकेल कसी गई तो उसकी आर्मी दुश्मनों को चैन से बढ़ने नहीं देगी।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अजहर जिस आर्मी की बात कर रहा है उसकी बानगी वह पहले दे चुका है। दरअसल, जैश ने तालिबान के लड़ाकों की मदद से मुख्य तौर पर भारत पर हमला करने के लिए छोटे-छोटे दल बनाए हैं। उसकी यह तैयारी आज की नहीं है बल्कि इसमें अजहर ने अपनी पूरी ताकत दो वर्षो से लगा रखी है। पहले उधमपुर और हाल ही में पठानकोट में किया गया हमला इसी 'आर्मी' की कारस्तानी है। इस बारे में काफी सूचना पाकिस्तान को दी जा चुकी है। पाकिस्तान की तरफ से और सूचनाएं मांगी गई है जिन्हें भी भारत की तरफ से उपलब्ध कराने की कोशिश होगी ताकि जो भी संभव कार्रवाई हो वह जैश के खिलाफ हो सके।