Move to Jagran APP

भारत बना सौर ऊर्जा का अगुवा, सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मिलेगा आसानी से कर्ज

स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत की अगुवाई में बनाया गया 121 देशों का वैश्विक संगठन देश की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अभी तक का सबसे बड़ा उत्प्रेरक बनेगा। अपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत मंत्रालय के अधिकारियों का तो यह कहना है कि वर्ष 2022 तक देश में एक

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 09:17 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2015 09:25 PM (IST)
भारत बना सौर ऊर्जा का अगुवा, सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मिलेगा आसानी से कर्ज

नई दिल्ली: स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत की अगुवाई में बनाया गया 121 देशों का वैश्विक संगठन देश की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अभी तक का सबसे बड़ा उत्प्रेरक बनेगा। अपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत मंत्रालय के अधिकारियों का तो यह कहना है कि वर्ष 2022 तक देश में एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा जोड़ने की राह इस संगठन से काफी आसान हो जाएगी।

loksabha election banner

खास तौर पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं के समक्ष वित्त की समस्या के पूरी तरह से दूर हो जाएगी। मंत्रालय इस संगठन से भारतीय कंपनियों को कर्ज दिलाने का प्रस्ताव अगले वर्ष के शुरुआत में भेजने पर विचार कर रहा है।

पेरिस में चल रहे वैश्विक पर्यावरण सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा होलांदे के साथ संयुक्त तौर सौर ऊर्जा के लिए एक विशेष समूह की स्थापना की घोषणा की। इस समूह में वैसे विकसित व विकासशील देश शामिल हैं जिनके यहां सूरज की ज्योति प्रचूर मात्रा में पहुंचती है।

यह समूह वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर की राशि जुटाने का लक्ष्य ले कर चल रही है और इसका इस्तेमाल सौर ऊर्जा परियोजनाओं को सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। भारत ने अपनी तरफ से 3 करोड़ डॉलर की राशि इस फंड में देने का फैसला किया है।

मोदी ने इस समूह का सचिवालय भारत में बनाने और इसे संचालित करने का भी प्रस्ताव किया है। मोदी ने इस पहल को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई उम्मीद बताते हुए कहा है कि इससे अंधेरे में डूबे घर व गांवों में प्रकाश फैलाने में मदद मिलेगी।

सूत्रों के मुताबिक भारत ने अगले सात वर्षो में एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा करने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना को लांच कर पहले ही वैश्विक स्तर पर अलग पहचान बना ली है।

अब नए वैश्विक समूह का केंद्र यहां बनने से भारत सौर ऊर्जा तकनीकी व विकास में दुनिया का केंद्र बन जाएगा। अब जबकि सौर ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली की दरें घट कर पांच रुपये के करीब पहुंच चुकी है, भारत की नई पहले से यहां सौर ऊर्जा से जुड़ी कंपनियां यहां बड़े पैमाने पर निवेश के लिए कदम बढ़ाएंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.