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तीन हफ्ते में राष्ट्रपति ने छह प्रमुख विधेयकों को मंजूरी दी

अंग्रेजों के शासनकाल के कानून तब लागू हुए थे जब बांबे (अब मुंबई), कलकत्ता (अब कोलकाता) और मद्रास (अब चेन्नई) केवल तीन ही बंदरगाह थे।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sun, 13 Aug 2017 07:03 PM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 07:03 PM (IST)
तीन हफ्ते में राष्ट्रपति ने छह प्रमुख विधेयकों को मंजूरी दी
तीन हफ्ते में राष्ट्रपति ने छह प्रमुख विधेयकों को मंजूरी दी

नई दिल्ली, प्रेट्र : तीन हफ्ते पहले कार्यभार संभालने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छह प्रमुख विधेयकों को मंजूरी दी है। इनमें समुद्री दावे, गिरफ्तारी और जहाजों को पकड़ने के मामलों का न्यायक्षेत्र विभिन्न अदालतों तक बढ़ाने वाला विधेयक शामिल है। इन सभी विधेयकों को हाल ही में संसद से पारित किया गया है।

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राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने वाला एडमिरल्टी (ज्यूरिस्डिक्शन एंड सेटलमेंट ऑफ मेरीटाइम क्लेम्स) एक्ट, 2017 दो पुराने कानूनों को खत्म कर बनाया गया है। ये दो कानून 156 साल पुराना एडमिरल्टी कोर्ट एक्ट, 1861 और 127 साल पुराना कोलोनियल को‌र्ट्स ऑफ एडमिरल्टी एक्ट, 1890 हैं।

यह नया विधेयक राज्यसभा से 24 अप्रैल को पारित हुआ था। जबकि लोकसभा इसे 10 मार्च को पारित कर चुकी थी। अंग्रेजों के शासनकाल के कानून तब लागू हुए थे जब बांबे (अब मुंबई), कलकत्ता (अब कोलकाता) और मद्रास (अब चेन्नई) केवल तीन ही बंदरगाह थे। इसलिए मौजूदा समय में इन्हीं तीन शहरों के हाई कोर्ट में समुद्री विवाद संबंधी मुकदमों को फैसला होता था।

इसके अलावा राष्ट्रपति ने बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2017 को भी मंजूरी दी। नए कानून के मुताबिक, मार्च 2015 तक शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत नियुक्त 11 लाख शिक्षकों को निर्धारित न्यूनतम योग्यता हासिल करने के लिए 2019 तक का समय मिलेगा। राज्यसभा ने इस विधेयक को एक अगस्त को पारित किया था। लोकसभा ने इसे जुलाई में मंजूरी दी थी।

जिन अन्य विधेयकों को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी उनमें सांख्यिकी संग्रहण (संशोधन) विधेयक 2017, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (सरकारी-निजी भागेदारी) विधेयक 2017, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान (संशोधन) विधेयक 2017 और फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान विधेयक 2017 शामिल हैं।

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