मजदूरों और विधवाओं से भी लो बैलेंस के नाम पर पेनाल्टी वसूल रहे हैं बैंक
मध्य प्रदेश में गरीब विधवा और मनरेगा के मजदूरों को बैंकों द्वारा एक अजीब समस्या का समाधान करना पड़ रहा है।
धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल । प्रदेश में गरीब विधवा और मनरेगा के मजदूर इन दिनों एक अजीब सी मुश्किल का सामना कर रहे हैं। इनके खाते में पेंशन या मजदूरी की जितनी राशि आती है उससे ज्यादा तो बैंक काट लेते हैं। ये सब हो रहा है बैंकों के न्यूनतम बैलेंस के नए नियमों के चलते। ग्रामीण इलाकों में बचत खातों में एक हजार न्यूनतम बैलेंस न होने पर डेढ़ सौ से पांच सौ रूपए तक की कटौती की जा रही है।
खातेधारकों की मुश्किल यह है कि जब उनकी पेंशन या मजदूरी ही इतनी कम है तो वह खाते में न्यूनतम बैलेंस कैसे रखें। यह खाते बैंकों ने जीरो बैलेंस पर तो खोले थे लेकिन बचत खाता होने के कारण बैंक का साफ्टवेयर स्वत: ही पेनाल्टी वसूल लेता है । पूरे प्रदेश में लगभग 34 लाख पेंशनधारी और एक करोड़ से अधिक मनरेगा मजदूर हैं।
ऐसे कट रहे पैसे
केस -1
शहडोल जिले के सोहागपुर जनपद पंचायत अंतर्गत छिरहटी गाँव में रहने वाली राधा पति कन्हैया कोल ने गांव में मनरेगा के तहत मजदूरी की थी। लगभग एक हफ्ते की मजदूरी 555 रुपए उनके खाता क्रमांक 2002061010013354 में डाली गई। राधा कोल के खाते में 762.96 रुपये पहले से थे। 555 रुपए मजदूरी आने के बाद उनके खाते में कुल 1317.96 रुपये हो गए। जैसे ही खाते में 1000 रुपये के ऊपर बैलेंस आया, बैंक प्रबंधन ने लो बैलेंस के नाम पर 655.99 रुपये की कटौती कर ली। अब राधा कोल के खाते में मात्र 661.97 रुपए ही शेष हैं।इसी तरह का हाल गांव के मनरेगा मजदूर दीनबंधु ढीमर पिता मोहन,नांबिया पति मटरू, घुरई पिता बुधुआ का है।
केस-2
इटारसी के वार्ड क्रमांक 16 निवासी 75 वर्षीय सरजू बाई पति पन्न्ालाल की वृद्धावस्था पेंशन जब अप्रैल महीने की पांच तारीख को आई तो उनके खाते से 150 रुपए कट गए। इसका पता उन्हें तब चला जब वे पेंशन निकालने बैंक गईं। बैंक प्रबंधन ने उन्हें बताया कि आपके खाते में 1000 से कम का बैलेंस था। इसलिए ये पैसे कटे। बाद में उन्होंने इसकी शिकायत नपा में की। नपा के पंेशन प्रभारी राजकुमार भार्गव ने बताया कि अब वृद्धावस्था व विधवा पेंशन वालों का पेंशन एकाउंट ख्ाुलवा दिया गया है।
पीएमओ करवा रहा परीक्षण
नवदुनिया ने इस पूरे मामले से प्रधानमंत्री कार्यालय को अवगत कराया और जानना चाहा कि न्यूनतम बैलेंस के नाम पर गरीबों से भी बैंक मनमानी कटौती कर रहे हैं।इस बारे में स्थिति स्पष्ट की जाए । पीएमओ में यह मामला पहले तो अंबुज शर्मा अवर सचिव के पास भेजा गया फिर उसे आर्थिक सलाहकार एन श्रीनिवास राव को भेजा गया है।राव डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विस की बैंकिंग डिवीजन में कार्यरत हैं।
कितने पेंशनर मप्र में
योजना-- पेंशनर--पेंशन राशि प्रतिमाह
सामाजिक सुरक्षा--6 लाख 25 हजार 252--300
राष्ट्रीय विधवा--9 लाख 59 हजार 526--300
निशक्तजन --1 लाख 12 हजार 987--300
मानसिक बहु विकलांग--60 हजार 226--500
मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक--39 हजार 318--500
ऐसे कोई निर्देश नहीं
विभाग के ऐसे कोई निर्देश नहीं हैं। जनधन खाते तो जीरो बैलेंस पर खोले गए हैं। बैंक यदि पेंशन की राशि में से कटौती कर रहे हैं तो इसका पता लगाया जाएगा।
- नीलम शमी राव,प्रमुख सचिव,सामाजिक न्याय विभाग
गड़बड़ी करने वालों को जेल भेजेंगे
ऐसा कैसे हो सकता है। हमने गरीबों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेंशन की रकम 150 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 300 रुपए की है। यदि कोई बैंक कटौती कर रहा है तो ये गलत है। ऐसे करने वालों के खिलाफ न सिर्फ सख्त कार्रवाई करेंगे बल्कि जेल भेजने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों से बात करेंगे।
-गोपाल भार्गव,सामाजिक न्याय मंत्री
हमारा नियंत्रण नहीं
लो बैलेंस के नाम पर जो भी राशि कट रही है उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता है। यह सिस्टम से अपडेट होकर खुद ही कट जाता है। खाताधारक किस प्रकार का है इसे सिस्टम ही अपडेट करता है।
-एसके दुबे,मैनेजर, सतपुड़ा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक,राजेंद्रनगर
गलती से हो रहा होगा
गलती से पैसे कट रहे होंगे लोग बैंक जाकर उसे ठीक करा सकते हैं।
-अजय व्यास,जीएम,लीड बैंक भोपाल
क्या हैं बैंक के नियम
इतना होना चाहिए बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस
महानगरों - 5000 रुपए
शहरी क्षेत्र - 3000 रुपए
अर्ध शहरी क्षेत्र - 2000 रुपए
ग्रामीण क्षेत्र - 1000 रुपए
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