विदेशी चंदे के मामले में 14 सितंबर को अंतिम सुनवाई
निर्देश मंगलवार को न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली भाजपा और कांग्र्रेस की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिए।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट विदेशी चंदा मामले में भाजपा और कांग्र्रेस की अपीलों पर 14 सितंबर को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने सुनवाई की तिथि तय करते हुए यह भी साफ कर दिया है कि उस दिन किसी भी पक्ष की सुनवाई स्थगित करने की मांग नहीं सुनी जाएगी। ये निर्देश मंगलवार को न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली भाजपा और कांग्र्रेस की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिए।
पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई 14 सितंबर को पूरी नहीं हो पाई तो 15 सितंबर को भी सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने पक्षकारों से कहा कि वे उस दिन सुनवाई के लिए तैयार रहें। भाजपा और कांग्र्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट के 28 मार्च, 2014 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने दोनों दलों पर विदेशी चंदा लेने के मामले में केंद्र सरकार से एफसीआरए कानून के तहत कार्रवाई करने को कहा है।
हाईकोर्ट का कहना था कि दोनों दलों ने वेदांता की सहयोगी कंपनियों से चंदा लिया है और वेदांता विदेशी कंपनी है। दोनों दलों ने इस आदेश के खिलाफ दाखिल अपील में कहा है कि वेदांता के मालिक अनिल अग्र्रवाल भारतीय नागरिक हैं और वेदांता की सहयोगी कंपनियां भी भारतीय हैं। इसके अलावा कंपनी की पचास फीसद भागीदारी भी भारतीय है। इस मामले में चुनाव आयोग की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि एफसीआरए कानून में उसे कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। इस कानून में सिर्फ गृह मंत्रालय ही कार्रवाई कर सकता है। जबकि केंद्र सरकार के जवाब में पार्टियों की ओर से दी गई सफाई को कोर्ट के सामने रखते हुए कहा गया है कि चंदा देने वाली कंपनियां विदेशी नहीं हैं।
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