सामना के संपादकीय में राहुल,पवार और फड़नवीस पर हमला
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए किसानों की आत्महत्या पर मुख्यमंत्री देंवेंद्र फड़नवीस सहित राहुल गांधी और शरद पवार को खरीखोटी सुनाई है।
मुंबई । शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए किसानों की आत्महत्या पर मुख्यमंत्री देंवेंद्र फड़नवीस सहित राहुल गांधी और शरद पवार को खरीखोटी सुनाई है। देवेंद्र फड़नवीस एक मई को महाराष्ट्र दिवस के एक समारोह में भाषण देते हुए विदर्भ के किसानों की आत्महत्या पर भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा था कि किसानों की आत्महत्या महाराष्ट्र के लिए शर्मनाक बात है।
उनके इसी बयान को लेकर आज सामना ने उन्हें घेरने की कोशिश की। सामना के संपादकीय में कहा गया है यह पीड़ा सारे राजनीतिक दलों की है। लेकिन अन्य राजनीतिक दलों और हममें फर्क है। हम सत्ताधारी दल हैं। हमें शर्म सिर्फ भाषण में नहीं आनी चाहिए। ऐसे कर्म करो कि अगले महाराष्ट्र दिवस तक शर्म आने की नौबत ही न आए। सामना ने किसानों की आत्महत्या के लिए राहुल गांधी और शरद पवार को भी खरीखोटी सुनाई है।
राहुल हाल ही में विदर्भ के अमरावती जिले में 15 किलोमीटर की पदयात्रा की थी। सामना लिखता है कि राहुल ने आत्महत्याग्रस्त किसानों के यहां जाकर चाय-पानी किया, यह तो सर्वाधिक शर्म की बात है। कल-परसों तक राज्य में कांग्रेस की ही सरकार थी, यह बात लगता है राहुल गांधी को याद नहीं है। सामना के अनसार राहुल गांधी को यह भी किसानों को बताना चाहिए कि संप्रग सरकार के 10 साल के कार्यकाल में किए गए वादे पूरे न करने का पाप किसने किया है ?
सामना ने राज्य के दिग्गज नेता शरद पवार द्वारा दिए जा रहे बयानों पर उनकी भी खिंचाई की है। उनसे पूछा गया है कि कुछ माह पहले तक आप देश के कृषिमंत्री थी। फिर किसानों की याद आज ही क्यों आ रही है आपको ?
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