भारतीय संस्कृति में 80वें साल का विशेष महत्व होता है-पीएम मोदी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक दादा लेखराज को श्रद्धांजलि दी। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और सांस्कृतिक महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए आए लोगों अभिनंदन किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि विश्व एक परिवार की तरह है। हम सभी एक पिता की संतान हैं। हमारे देश की यही खूबी है कि हम अपने विचारों को किसी पर नहीं थोपते। वह राजस्थान के माउंट आबू में अंतरराष्ट्रीय संस्था ब्रह्माकुमारी संस्थान के 80वें वर्षगांठ समारोह को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा कि मैं पूरे विश्र्वास के साथ कह सकता हूं कि ईश्वर एक है।
उन्होंने 2022 तक ब्रह्माकुमारी संस्था के माध्यम से उर्जा बचाने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया। इससे पूर्व उद्घाटन सत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद लाल कृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (अरएसएस) के प्रति अपनी भावनाओं का इजहार किया। कहा कि आरएसएस का मैं सम्मान करता हूं और संगठन पर मुझे गर्व है। यहां मैंने बचपन से काम किया है। मेरा जन्म कराची में हुआ था लेकिन अनुशासन और शिक्षा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में हासिल की। उन्होंने कहा कि मैंने आरएसएस से सीखा है कि हमें कभी भी गलत कामों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। मैंने अपनी आंखों से देखा है कि कैसे संस्था के संस्थापक दादा लेखराज ने ओम मंडली से इसकी शुरुआत की थी।
इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि संस्था शांति के उद्देश्य से जो कार्य कर रही है, वह सराहनीय है। विश्व में शांति कैसे कायम हो, इसको लेकर संस्था की बहनें निरंतर विश्व के सभी हिस्सों में अपनी क्लास के जरिए शांति की स्थापना करने का प्रयत्न कर रही हैं। वहीं फिल्म अभिनेत्री रविना टंडन ने भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री की चकाचौंध दुनिया से एक अलग ही यहां का अनुभव है, जहां आकर मन की शांति मिली है। गौरतलब है कि 101 वर्षीय दादी जानकी की अगुवाई वाली ब्रह्माकुमारी संस्था महिलाओं द्वारा संचालित की जाती है। यह संस्था दुनिया के 130 से ज्यादा देशों में सक्रिय है और इसके एक लाख से अधिक सदस्य हैं।