उप्र में फेसबुक-व्हाट्स एप इस्तेमाल न करें लड़कियां : खाप
सगोत्र विवाह को लेकर खाप पंचायतें अदालत तक से टकराने पर आमादा हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी चंद्रपाल फौजी ने तमाम हदें पार करते हुए इस मुद्दे पर लड़कियों को निशाने पर ले लिया। उन्होंने साफतौर पर कह डाला कि सगोत्र विवाह करने वाली लड़कियों
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। सगोत्र विवाह को लेकर खाप पंचायतें अदालत तक से टकराने पर आमादा हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी चंद्रपाल फौजी ने तमाम हदें पार करते हुए इस मुद्दे पर लड़कियों को निशाने पर ले लिया। उन्होंने साफतौर पर कह डाला कि सगोत्र विवाह करने वाली लड़कियों को पहले समझाओ फिर भी न माने तो गंगाजी दिखा दो। (मतलब गंगा नदी में फेंक दो।) इससे इतर खापों के चौधरियों ने भी अदालत के फैसले से नाइत्तेफाकी जताई है। लगे हाथ लड़कियों को व्हाट्सएप व फेसबुक का इस्तेमाल न करने की नसीहत भी दी गई।
एंटी ऑनर किलिंग बिल को मंजूरी तथा सगोत्र विवाह की वैधता पर मुहर की आशंकाओं से खाप पंचायतों में विरोध की चिंगारी सुलगने लगी है। खाप चौधरियों ने केंद्र सरकार के इस कदम को समाज विरोधी और ज्यादती करार देते हुए एलान किया है कि सगोत्र विवाहों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बहुत जल्द खापों की पंचायत कर इसके खिलाफ कारगर रणनीति बनाई जाएगी। बुधवार को मुजफ्फरनगर जिले के सोरम गांव में सर्वखाप चौधरियों की मौजूदगी में सरकार को इस बाबत चेतावनी दी गई। खाप चौधरियों ने कहा कि सरकार कानून की ढाल बनाकर हमारी परंपराओं पर प्रहार कर रही है। सगोत्र विवाह को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए सर्वखाप पंचायत बुलाकर सरकार के कदम से समाज को बचाने की रणनीति तय की जाएगी। पंचायत में श्याम सिंह, बहावड़ी के थांबेदार, चौधरी बाबा सूरजमल, बत्तीसा खाप और कालखंडे खाप के चौधरी संजय ने प्रमुख रूप से हिस्सा लिया।
'मैंने घर वालों को अपनी लड़कियों को समझाने के लिए कहा। गंगा में डुबोने से मतलब शादी कराने से था। न कि उन्हें मारने का। बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया।' -चंद्रपाल फौजी पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी भाकियू
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