नोटबंदी के फैसले का क्रियान्वयन अब कैग के ऑडिट के दायरे में
सरकार के नोटबंदी के फैसले का क्रियान्वयन अब कैग के ऑडिट के दायरे में है।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। सरकार के नोटबंदी के फैसले का क्रियान्वयन अब कैग के ऑडिट के दायरे में है। कैग अपनी अलग-अलग ऑडिट रिपोर्ट में इस बात की पड़ताल करेगा कि केंद्र के इस महत्वाकांक्षी फैसले को लागू करने में संबंधित एजेंसियों ने निर्धारित नियमों का ठीक तरह पालन किया या नहीं। नोटबंदी के दौरान बैंकों में जमा हुई भारी भरकम नकदी के संबंध में आयकर विभाग जो असेसमेंट करेगा, उसकी समीक्षा भी कैग करेगा।
यह बात भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) शशिकांत शर्मा ने 'दैनिक जागरण' को दिए विशेष साक्षात्कार में कही है। शर्मा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कैग नीति के स्तर पर नोटबंदी पर सवाल नहीं उठा रहा और न ही उसका परीक्षण कर रहा है क्योंकि नीति का परीक्षण और उस पर टिप्पणी करना सीएजी का काम नहीं है। यह सरकार का अपना क्षेत्राधिकार है कि वह नीति संबंधी निर्णय खुद ले।
हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि नोटबंदी की वजह से बैंक में जो पैसा (करीब पांच-छह लाख करोड़ रुपये) जमा हुए हैं, आयकर विभाग जब इसका असेसमेंट करेगा तो उनके असेसमेंट पर कैग ऑडिट करेगा। उसमें कैग देखेगा कि असेसमेंट ठीक किया गया है कि नहीं। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि आयकर विभाग ने असेसमेंट में किसी को छोड़ तो नहीं दिया है।
उल्लेखनीय है कि 8 नवंबर 2016 को सरकार ने नोटबंदी का निर्णय करते हुए 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने बैंक नोट चलन से बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद लोगों को पुराने नोट बैंकों में जमा करने और बदलने के लिए एक निश्चित समयसीमा दी गयी थी।
शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के दौरान सरकार के अलग-अलग विभागों की ओर से डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई छूटें दी गयीं। इन विभागों के सामान्य ऑडिट के दौरान कैग इसकी पड़ताल करेगा। मसलन, नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने नोटबंदी के दौरान डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए जो राशि खर्च की है, इनसे संबंधित विभागों या संस्थाओं के ऑडिट के दौरान उन पर कैग की नजर रहेगी। टोल, रेल टिकिट और पेट्रोल पंपों पर डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए दी गई छूट का परीक्षण भी संबंधित विभागों की सामान्य ऑडिट रिपोर्ट में किया जाएगा। इसी तरह वित्त वर्ष 2016-17 में आरबीआइ से सरकार को डिविडेंड कम मिलने का सवाल केंद्र सरकार के वित्तीय ऑडिट में उठेगा।
शर्मा ने साफ कहा कि ऐसा नहीं है कि नोटबंदी का कोई अलग से ऑडिट होगा। हालांकि कैग जब संबंधित विभाग या संगठन का सामान्य ऑडिट करेगा तो नोटबंदी के क्रियान्वयन पर अपनी टिप्पणी देगा। उन्होंने कहा कि कैग नोटबंदी के क्रियान्वयन के तरीकों पर टिप्पणियां करेगा।जब उनसे पूछा कि नोटबंदी पर टिप्पणी वाली कैग की पहली रिपोर्ट कब तक आ जाएगी तो उन्होंने कहा कि इसका कोई टाइम फ्रेम नहीं है, जैसे हम लोग रुटीन में करते हैं, उसमें यह सब आएगा।