यौन शोषण के प्रति चेताएगी आइआइटियंस की किट
आईआईटी कानपुर के छात्रों ने एक ऐसी किट बनाई है जो बच्चों के साथ होेने वाले यौन शोषण से सुरक्षा करेगी।
कानपुर, (जागरण संवाददाता)। बच्चों के यौन शोषण की खबरों ने आइआइटियंस के दिलोदिमाग पर ऐसा असर डाला कि उन्होंने इससे बचाव के लिए एक बेहतरीन सुरक्षा किट बना दी। कार्ड, पोस्टर, सीडी व गेम्स से बनी इस किट से बच्चों को आसानी के साथ उनके प्राइवेट पार्ट व शरीर के अंगों को गलत तरह से छूने के बारे में आसानी से बताया जा सकता है।
डिजाइन प्रोग्राम के छात्राओं मिताली भसीन, अपूर्वा अग्रवाल, स्नेह पार्थी, स्वयंसिद्ध पाणिग्रही व छात्र सचिन एनपी ने मिलकर यह किट तैयार की है। प्रोफेसर झुमकी आयंगर के दिशा निर्देश में साल भर की मेहनत के बाद तैयार की गई इस किट के लिए उन्हें रंजन कुमार मेमोरियल अवार्ड से भी नवाजा गया है।
कार्टून किरदार व क्वैश्चन कार्ड के जरिए दी गई जानकारी
मिताली भसीन ने बताया कि इस किट में कई चीजों के माध्यम से बच्चों को सचेत किया गया है। इसमें ऐसे क्वैश्चन कार्ड शामिल हैं जिन्हें छह से नौ व दस से 14 साल तक के बच्चे पढ़ व समझ सकते हैं। प्रश्नों में उनके उत्तर भी शामिल हैं।
इस कार्ड में यह लिखा हुआ है कि कौन सा अंग छूना सही होता है और कौन नहीं। किट के माध्यम से माता-पिता उन्हें यह बात समझाने में सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा एक सीडी भी तैयार की गई है जिसमें कार्टून किरदार यह बताते हैं कि अगर कोई तुम्हारे इन अंगों को छूता है तो अपने माता पिता व शिक्षक को इसके बारे में तुरंत बताओ।
माता पिता व डाक्टर तीनों की भूमिका
इसमें बच्चों को खेल-खेल में यह बताया गया है कि कौन व्यक्ति विश्र्वासपात्र है और कौन नहीं। माता पिता व डाक्टर की भूमिका क्या है यह भी इसके जरिए बच्चा आसानी से समझेगा। मिताली बताती हैं कि हम लोगों ने प्रोजेक्ट अम्ब्रेला के अंतर्गत यह प्रोजेक्ट साल भर के शोध के बाद पूरा किया है। इसमें घर व स्कूल में रहने वाले बच्चों के अलावा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे बच्चों का अध्ययन शामिल है।