हिंद महासागर में समीकरण बदल सकता है आइएफआर
नौसेना प्रमुख एडमिरल आरके धवन का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय फ्लीट समीक्षा (आइएफआर) से हिंद महासागर में शक्ति संतुलन का समीकरण बदल सकता है।
विशाखापत्तनम । नौसेना प्रमुख एडमिरल आरके धवन का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय फ्लीट समीक्षा (आइएफआर) से हिंद महासागर में शक्ति संतुलन का समीकरण बदल सकता है। उन्होंने वैश्विक नौ सैन्य सहयोग के जरिये समुद्री जल क्षेत्र की हिफाजत पर बल दिया। एडमिरल धवन ने आइएफआर में 50 देशों की भागीदारी को ऐतिहासिक बताया। कहा, 'मित्र देशों के सहयोग से हम समुद्र में सुरक्षा एवं संरक्षा को और मजबूत कर सकते हैं। जंगी बेड़ों का विशाखापत्तनम के समुद्री क्षेत्र में लगा यह मेला विभिन्न देशों के साथ हमारी अटूट दोस्ती को दर्शाता है।'
अमेरिका, जापान और चीन समेत अन्य देशों के शीर्ष नेवी अधिकारियों के साथ एडमिरल धवन शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस बार के आइएफआर का थीम 'समुद्र के जरिये एकजुटता' है। यह इस बात की जरूरत को दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र की हिफाजत के लिए दुनिया भर की नौसेना को एक-दूसरे के करीब आना चाहिए। भारत में आइएफआर का यह दूसरा आयोजन है। इससे पहले जनवरी, 2001 में अंतरराष्ट्रीय फ्लीट समीक्षा मुंबई में आयोजित हुई थी। उसमें करीब 29 देशों ने शिरकत की थी। एडमिरल धवन ने इस बार के आइएफआर को भारत का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास करार दिया। उन्होंने बताया कि आइएफआर के जरिये दुनिया भर की नेवी एक-दूसरे के करीब आती हैं और आपसी सहयोग बढ़ाने की दिशा में अग्रसर होती हैं। इस मौके पर मेजबान देश विश्व के सामने अपनी नौसैनिक शक्ति का प्रदर्शन करता है।
आइएफआर में करीब 100 बेड़े हिस्सा ले रहे हैं, इसमें से 71 भारत के हैं। 24 विदेशी युद्धपोत भी आइएफआर में भाग ले रहे हैं। एडमिरल धवन के अनुसार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शनिवार को नौसेना के गार्ड ऑफ आनर का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद वह आइएनएस सुमित्रा पर सवार होंगे। रविवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैरीटाइम (समुद्री) कांफ्रेंस का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समारोह को संबोधित करेंगे। पीएम भारत की समुद्री विरासत पर एक पुस्तक का विमोचन भी करेंगे।