पठानकोट के मुद्दे पर कांग्रेस की दो टूक, पाक उच्चायुक्त को भारत से निकाले सरकार
पठानकोट हमले की जांच के मुद़्दे पर पाक के यू टर्न के बाद कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा है कि सरकार को पाक उच्चायुक्त को देश से निकाल देना चाहिए।
नई दिल्ली। पठानकोट एयरबेस हमले की जांच के मुद़्दे पर पाकिस्तान के यू टर्न को लेकर मचे घमासान के बीच आज कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सरकार से अपील की है कि यदि उनको कुछ करना ही है तो पाकिस्तान के उच्चायुक्त को देश से निकाल देना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस बारे में कोई आदेश ही देना चाहती है तो सरकार को अब्दुल बासित को वापस भेज देना चाहिए। गौरतलब है कि पठानकोट मामले में पाकिस्तान द्वारा गठित संयुक्त जांच दल ने भारत से जाने के बाद कहा था कि यह हमला खुद भारत ने ही कराया था और इसको लेकर वह पाकिस्तान पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।
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पाक जेआईटी के इस विवादास्पद बयान के बाद भारत में मौजूद पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा था कि भारतीय जांच दल को पाकिस्तान में भेजकर जांच करने जैसी कोई बात नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि पाक जेआईटी का भारत की इजाजत के बाद यहां आना सिर्फ दोनों देशों के बीच संबंधों में आई खटास को कम भर करने जैसा था। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापते हुए कहा कि जब तक यह मुद्दा नहीं सुलझ जाता है तब तक कुछ नहीं हो सकता है।
उनके इस बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने साफतौर पर कहा कि पाक जेआईटी को यहां आने की इजाजत तभी दी गई थी जब पाक ने भारतीय जांच दल को वहां जाकर जांच करने की इजाजत दी थी। बासित के बयान के बाद भारतीय राजनीति में जहां घमासान तेज हो गया वहीं विपक्षी पार्टियों ने इसके लिए केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
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पाक जेआईटी के भारत आकर पठानकोट हमले की जांच के दौरान कहा जा रहा था कि भारतीय जांच दल भी पाक जाकर वहां मौजूद आतंकी संगठन और उनके आका मसूद अजहर से पूछताछ करेगा। भारत सरकार ने पाकिस्तान जेआईटी को जांच के दौरान कई अहम सबूत भी दिखाए साथ ही उन आतंकियों के शव भी दिखाने की कोशिश की जो इस हमले में मारे गए थे। हालांकि जेआईटी ने इन शवों को देखने से ही मना कर दिया था। पठानकोट हमले में पाक जेआईटी को भारत आकर जांच करने की इजाजत देने के बाद से ही कांग्रेस समेत अन्य दल भाजपा पर लगातार हमला कर रहे हैं।
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यहां तक की भाजपा की सहयोग पार्टी शिवसेना ने भी इस फैसले पर सरकार को आड़े हाथों लिया है। खुद भाजपा सांसद आरके सिंह ने केंद्र सरकार के इस फैसले को गलत बताया था। उनका कहना था कि जिनके इशारे पर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी काम करते हैं उनके खिलाफ सरकार कभी कोई फैसला नहीं ले सकती है।
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