जाधव केस में पाक को झटका, जानें अंतरराष्ट्रीय अदालत ने फैसले में क्या कहा
आईसीजे ने कहा कि जाधव को जासूसी बताने के पाकिस्तान का दावा सही नहीं है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान की तरफ से कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस ना देने को विएना संधि का उल्लंघन करार देते हुए फिलहाल जाधव की फांसी पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगा दी है।
आईसीजे ने पाक के दावे को नकारा
अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कहा कि कुलभूषण जाधव का मुद्दा एक विवादित मसला है। आईसीजे ने कहा कि जाधव को जासूस बताने का पाकिस्तान का दावा सही नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा जाधव के मामले में वह पाकिस्तान के दावे को सही नहीं मानते हैं।
इंटरनेशनल कोर्ट ने कुलभूषण जाधव पर अपने फैसले में यह बातें कही-
1-भारत और पाकिस्तान दोनों इस बात से सहमत हैं कि कुलभूषण जाधव भारत का नागरिक है
2-कुलभूषण जाधव की गिरफ्तार का मसला पूरी तरह से विवादित है
3-विएना संधि के मुताबिक, भारत को कांसुलर एक्सेस मिलनी दी जानी चाहिए
4- अदालत ने माना कि प्रथमदृष्टया यह केस में उनके सुनावाई के अधिकार में आता है।
5- पाकिस्तान की तरफ से जो दलीलें अदालत के सामने रखी गई वह भारत के दावे को नाकाफी बताने में असफल रहा। विएना संधि के तहत भारत ने जो बातें रखी उसे अंतरराष्ट्रीय अदालत ने स्वीकार किया।
6- अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कहा कि पाकिस्तान इस बात को सुनिश्चित करें कि अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण जाधव को फांसी पर ना लटकाया जाए।
विदेश मंत्रालय ने कहा- पहली कामयाबी मिली
कुलभूषण जाधव की फांसी की सज़ा पर अंतरराष्ट्रीय अदालत की तरफ से लगाई गई अंतरिम रोक को भारतीय विदेश मंत्रालय ने जाधव को बचाने की दिशा में पहली कामयाबी बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने जाधव की फांसी रुकने के आईसीजे के आए फैसले के बाद कहा कि पाकिस्तान ने जाधव के अधिकारों का हनन किया है। उन्होंने कहा कि आईसीजे के फैसले से आज पूरा देश राहत महसूस कर रहा है।
पाक के मिलिट्री कोर्ट से जाधव को मिली है फांसी
गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट की तरफ से देश के खिलाफ जासूसी करने और विध्वंसकारी साजिशें रचने को लेकर फांसी की सज़ा सुनाई है। जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान से कई बार कांसुलर एक्सेस देने की मांग की लेकिन उसने भारत की इस मांग को नहीं माना। कुलभूषण जाधव के परिवार की तरफ से वीजा एप्लीकेशन का भी पाकिस्तान ने कोई भी जवाब नहीं दिया।
हरीश साल्वे ने जोरदार ढंग से जाधव का पक्ष रखा
जिसके बाद भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट में 8 मई को याचिका दायर कर जाधव मामले पर इंसाफ की गुहार लगाई थी। आईसीजे ने इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए 15 मई को सुनवाई की और दोनों पक्षों की बातें सुनी। भारत की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अपनी बातें जोरदार ढंग से रखी। हरीश साल्वे ने जाधव मामले पर पाकिस्तान की तरफ से विएना संधि के उल्लंघन समेत सभी बातों को बड़ी बारीकी ढंग से अदालत के सामने रखा।
यह भी पढ़ें: कुलभूषण जाधव को बचाने में आखिर क्यों जी जान से जुटी है मोदी सरकार