ट्रांसफर पर बोले खेमका- यह दर्द भरा पल
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों में अनियमितताएं उजागर करने वाले आइएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका खट्टर सरकार को भी रास नहीं आए। खेमका को मनोहर सरकार ने किनारे लगा दिया। वर्तमान को मिलाकर खेमका अपने सर्विस कैरियर में 45 बार तबादले का शिकार हो
चंडीगढ़ । पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों में अनियमितताएं उजागर करने वाले आइएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका खट्टर सरकार को भी रास नहीं आए। खेमका को मनोहर सरकार ने किनारे लगा दिया। ट्रांसफर के बाद खेमका ने बीती रात ट्वीट किया, 'हद में रहने की गंभीर चुनौतियों और निहित स्वार्थ के बीच ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार से लडऩे और सुधार को लागू करने की पूरी कोशिश की। यह वाकई दर्द भरा पल है।'
हालांकि खेमका के तबादले के बाद खट्टर सरकार में मंत्री अनिल विज उनके साथ आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि 'मैं अशोक खेमका के साथ हूं और इस मामले में मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा।'
इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जरूरत के हिसाब से किसी भी आइएएस का ट्रांसफर किया जा सकता है। यह एक रूटीन ट्रांसफर है और ऐसा जरूरत के मुताबिक किया गया है।
वर्तमान तबादले को मिलाकर खेमका अपने सर्विस कैरियर में 45 बार तबादला झेल चुके हैं। उन्हें परिवहन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पद से हटाकर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का सचिव और महानिदेशक नियुक्त किया गया है। खेमका इस विभाग को सजा मानते रहे हैं।
मनोहर सरकार ने सीएम सचिवालय में भी बड़ा फेरबदल किया है। मुख्यमंत्री की अतिरिक्त प्रधान सचिव (प्रथम) सुमिता मिश्रा को मुख्यमंत्री कार्यालय से हटाकर पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव बनाया गया है। अचानक हुए इस बड़े बदलाव से पूरी अफसरशाही में खलबली मच गई है। सूत्रों के अनुसार सुमिता मिश्रा पिछली सरकार के कुछ विवादित फैसलों के फेर में आ गई हैैं।
सरकार ने खेमका और सुमिता समेत नौ वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। आइएएस अशोक खेमका के तबादले से एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं। उनकी परिवहन मंत्री से भी तकरार चल रही थी। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों एक इलेक्ट्रानिक चैनल को दिए इंटरव्यू में इस तरह की ट्वीटरबाजी पर एतराज जताते हुए अफसरों को अपना काम करने की नसीहत दी थी। तीन दिन बाद खेमका के तबादले के तौर पर उसका परिणाम भी सामने आ गया है। मनोहर सरकार में यह उनका पहला तबादला है।
इसलिए हटाए गए खेमका
आइएएस अशोक खेमका मनोहर सरकार में डंपर लाबी के निशाने पर थे। खेमका ने परिवहन विभाग के आयुक्त पद पर रहते हुए ओवर लोड डंपर पर रोक लगा दी थी और वाहन मालिकों को नियमों का अनुपालन करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों के अनुसार सरकार से डंपर मालिकों ने अनुरोध किया था कि उनके बड़े आकार के वाहनों से एकमुश्त जुर्माना राशि वसूल कर ली जाए। इस संबंध में एक फाइल भी चली थी, लेकिन अभी तक यह फाइल लटकी हुई थी। सूत्रों के अनुसार यह मामला भी खेमका के तबादले का कारण बना है।