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मैं आठ दिन से सहन कर रही थी, इसके बाद की कार्रवाई: स्पीकर

सरकार विपक्ष की हठधर्मिता के आगे बेबस नजर आ रही है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल व्यापमं और ललितगेट को लेकर सरकार की कोई दलील सुनने को तैयार नहीं है। इस बीच सोमवार को भी संसद के दोनों सदन भारी हंगामे के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दिए गए।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 08:59 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 06:03 PM (IST)
मैं आठ दिन से सहन कर रही थी, इसके बाद की कार्रवाई: स्पीकर

नई दिल्ली। सरकार विपक्ष की हठधर्मिता के आगे बेबस नजर आ रही है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल व्यापमं और ललितगेट को लेकर सरकार की कोई दलील सुनने को तैयार नहीं है। इस बीच सोमवार को भी संसद के दोनों सदन भारी हंगामे के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दिए गए। वहीं लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 27 कांग्रेसी सांसदों को वेल में प्लेकार्ड लेकर आने के चलते 5 दिन के निलंबित कर दिया है। निलंबित किए गए सांसदों में ज्यादातर कांग्रेस सांसद थे। स्पीकर ने नियम 374A के तहत कार्रवाई की।

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स्पीकर की प्रतिक्रिया

सुमित्रा महाजन ने सांसदों के निलंबन के अपने फैसले पर कहा कि 'मुझे देखना है कि सदन सुचारू रुप से चले'। उन्होंने कहा कि 'सदन में विरोध का तरीका होता है, प्लेकार्ड दिखाना सही नहीं'। महाजन ने कहा कि 'मैं आठ दिन से इस बात को सहन कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब स्पीकर के सामने प्लेकार्ड लाए जा रहे थे'। नाराज दिख रहीं स्पीकर ने कहा कि मैंने बार बार कोशिश की इन्हें बंद करूं। महाजन ने कहा कि आज की कार्रवाई सभी के लिए संदेश है, सभी नियमों के तहत ही चलना होगा।

निलंबित सांसदों में गौरव गोगोई, सुष्मिता देव, दीपेन्द्र हुड्डा, अधीर रंजन चौधरी, बीएन चंद्रप्पा, अभिजीत मुखर्जी, संतोख चौधरी, अबु हसिम खान चौधरी, आर ध्रुव नारायण, निनांग इरिंग, बी वी नायक व सुरेश कोडीकुन्नील शामिल हैं।

इस बीच संसदीय कार्यमंत्री वैकेंया नायडू ने कहा कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। इस स्थिति को खत्म करने के लिए बेहतर होगा कि बहस हो। नायडू ने कहा कि विदेश मंत्री हमारे सबसे काबिल मंत्रियों में से हैं। उन्हें अपनी बात कहने का मौका दिया जाना चाहिए।

संसद में जारी गतिरोध पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आज हुई सर्वदलीय बैठक से ये साफ हो गया कि तकरीबन सभी दल इस गतिरोध को खत्म करना चाहते हैं।

इससे पहले संसद में हंगामे के बीच लोकसभा में कांग्रेस और वाम दलों के कार्य स्थगन प्रस्ताव काे स्पीकर सुमित्रा महाजन ने नामंजूर कर दिया। सदन में अाज भी कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में बांह पर काली पट्टी लगाकर पहुंचे हैं। वे लगातार 'वी वांट जस्टिस' का नारा लगा रहे हैं। इसके बाद सदन को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कार्यवाही शुरू होने के बाद एक बार फिर वेंकैया नायडू ने कहा कि किसी ने कुछ भी गलत नहीं किया है इसलिए इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है।

दूसरी ओर राज्यसभा में आज 'काम नहीं तो वेतन नहीं' पर हंगामा हो रहा है। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने इस मुद्दे को सदन में उठाया। इस पर सदन में कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने पूर्व में एनडीए द्वारा किए गए हंगामे का जिक्र करते हुए कहा कि यदि 'काम नहीं तो वेतन नहीं' लागू करना है तो 2004 से इसे लागू किया जाए।

इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि वह ललित मोदी मुद्दे पर बयान देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ललित मोदी की मैंने मदद नहीं की। मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि ललित मोदी को दिल्ली से ब्रिटिश सरकार को यात्रा वीजा के लिए कोई सिफारिश नहीं की गई थी। इस दौरान लगातार हंगामा हाेता रहा। इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही दोबारा शुरू हाेने के बाद भी हंगामा जारी रहा जिसके बाद सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

उधर, गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा 12 बजे बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही। बैठक में कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद ने लिया। बैठक में पीएम मोदी मौजूद नहीं थे। सरकार की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने हिस्सा लिया।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि बैठक बेनतीजा रहा। हम अपनी मांग पर कायम हैं। दुर्भाग्यवश सरकार सबकुछ अपनी शर्तों पर करना चाहती है। हमने व्यापम और ललितगेट पर इस्तीफे से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। वहीं संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्ष से बातचीत जारी है। कांग्रेस को छोड़कर सभी विपक्षी पार्टियां संसद में बहस चाहती हैं।

तमाम मुद्दे पर नायडू ने आज कहा कि संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए यदि जरूरत पड़ी तो पीएम हस्तक्षेप कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम संसद में बयान दे सकते हैं। उन्होंंने कहा कि हम चाहते हैं कि संसद चले। सरकार हर मुद्दे पर बहस को तैयार हैं। विषय से संबंधित मंत्री भी अपना बयान दे सकते हैं।

गौरतलब है कि व्यापम और ललित मोदी मामले में विपक्ष लगातार सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रहा है। उसका कहना है कि जब तक इस्तीफे नहीं होते, वह संसद की कार्यवाही को नहीं चलने देगा। वहीं सरकार लगातार हर मुद्दे पर चर्चा की अपील कर रही है।

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