रेप हुआ, मत बताओ किसी को, शादी कर लो
मैं उसे जानती हूं, जिसने मेरा रेप किया। मैं उससे अपने दोस्तों के जरिये मेडिकल कॉलेज में मिली थी, जहां मैं पीएचडी कर रही थी। मैं उसे एक परिचित के रूप में मानती थी और पढ़ाई में उसकी मदद करती थी। जिस दिन उसने मेरा रेप किया, उस दिन मैंने
नई दिल्ली। मैं उसे जानती हूं, जिसने मेरा रेप किया। मैं उससे अपने दोस्तों के जरिये मेडिकल कॉलेज में मिली थी, जहां मैं पीएचडी कर रही थी। मैं उसे एक परिचित के रूप में मानती थी और पढ़ाई में उसकी मदद करती थी। जिस दिन उसने मेरा रेप किया, उस दिन मैंने ही उसे साउथ दिल्ली के अपने पेइंग गेस्ट वाले रूम में बुलाया था। उसने कहा था कि मैं उसके लिए बंगाली फूड बनाऊं। यह आप बीती उसने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए ऑडियो-वीडियो इंटव्यू में बताई।
मैं बिहार के एक छोटे से कस्बे से हूं। मेरे पिता दिल के मरीज हैं और शादी के लायक मेरी एक छोटी बहन है। मैंने सोचा कि यदि मैंने अपनी आवाज उठाई तो, मेरे पिता और बहन की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। मैंने यह बात अपने दो दोस्तों को बताई। उन्होंने कहा कि कोई भी तुम पर यकीन नहीं करेगा और तुम्हारे ऊपर काला धब्बा लग जाएगा। इसके बाद उन्होंने बताया कि यदि वह तुमसे शादी कर ले तो सब ठीक हो जाएगा। मैं उलझन में थी। मैंने सोचा कि यदि मैंने पढ़ाई आगे बढ़ाई और उससे शादी कर ली तो सब ठीक हो जाएगा।
करीब डेढ़ साल तक वह मुझे टालता रहा, लेकिन मैं इतनी डरी हुई थी कि मैंने रिलेशनशिप जारी रखी। वह किसी न किसी बहाने से आता और मेरा रेप करता। उसने तब भी मेरा रेप किया, जब मुझे डेंगू हो गया था और मैं काफी बीमार थी। समय बीतने के साथ उसकी मांगे बढ़ती गईं। वह मुझसे पैसे मांगने लगा या अन्य किसी मदद की मांग करता। यदि मैं तर्क करने की कोशिश करती, तो वह मुझे पीटता। ऐसे भी दिन आए, जब मेरे पास अपने खर्च के लिए पैसे नहीं थे क्योंकि मैंने सब पैसे उसे दे दिए थे।
उस वक्त मैंने अंदर से खुद को मरा हुआ महसूस किया। मैं लगातार खुद से पूछती रहती कि यदि उसने मुझसे शादी नहीं की, तो क्या होगा, मैं कहां जाऊंगी, लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे। मैं इतनी शर्म महसूस करती थी कि लोगों से आंख तक नहीं मिला पाती थी। वह मेरे कमरे में अंदर तक आता था। कोई नहीं मानता कि उसने मेरा रेप किया होगा। हमारे समाज में सब हमेशा लड़की को ही दोष देते हैं।
मैं गर्भवती हो गई और उसने दबाव बनाया कि मैं गर्भपात करवा लूं। इसके बाद उसने कहा कि वह मेरी जाति के कारण मुझसे शादी नहीं करेगा। मैं टूट गई थी। मैंने उससे विनती की, उसके पैरों में कई बार गिर कर रोई। हर बार वह मुझे मारता और उसके बाद मेरा रेप करता। इस दौरान कई बार चोट के निशान के साथ कॉलेज गई और किसी के पूछने पर झूठ बोलती।
इस साल अगस्त में वह अपने दो दोस्तों के साथ मेरे कॉलेज में आया और मेरे बाल पकड़ते हुए क्लास से मेरे साथियों और प्रोफेसर के सामने खींच कर निकाला। वह मुझे पीटता रहा, जबकि उसे दोस्त मुझे वेश्या कहकर चिल्ला रहे थे। कुछ लोगों ने इसे नजरअंदाज कर दिया, जबकि अन्य लोग मजे के साथ यह ड्रामा देखते रहे। वहां उसने कहा कि मैं असमान्य साइको लड़की हूं।
अपमानित होकर मैं आत्महत्या करने के बारे में सोच रही थी। मगर, मेरे सीनियर और प्रोफेसर ने मुझे इसकी शिकायत दर्ज कराने को राजी किया। मैंने साउथ दिल्ली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। मगर, मैं वहा बिना किसी वकील के गई थी, जो मेरी सबसे बड़ी गलती थी।
पुलिस ने कहा कि यह जिंदगी का आम पहलू है और इसमें मेरी गलती है क्योंकि मैंने ही उसे कमरे में बुलाया था। जांच अधिकारी ने मुझे शिकायत लिखने के लिए कहा, जो उसने डिक्टेट की थी यानी कही थी। बाद में मैंने महसूस किया उसने मेरी एफआईआर की हल्का बना दिया था और इससे ऐसा लग रहा था मानों मैं घटना पर ओवररिएक्ट कर रही थी। महिला अधिकारी ने कॉलेज में हुई घटना की शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया था और उसके लिए मुझे इंस्टीट्यूट में शिकायत दर्ज कराने को कहा।
मैंने पाया कि मेरा दुष्कर्मी पुलिस के संपर्क में था और वह उस दिन थाने गया था, जिस दिन मैं शिकायत दर्ज कराने गई थी। उसने पुलिस को बताया कि मैं पागल लड़की हूं। जिस दिन उसे पुलिस की चार्जशीट के आधार पर तिहाड़ जेल भेजा गया, उस दिन वह अपने वकील के साथ कोर्ट में आया। उसने मुझसे कहा कि मैं जेल से बाहर आ रहा हूं और तब मैं तुम्हें देख लूंगा। एक अकेली लड़की कर क्या सकती है? कुछ नहीं। मेरा दुष्कर्मी जेल से बाहर है और अब मुझे और मेरे परिवार को धमकी भरे फोन आ रहे हैं कि मैं वह केस वापस ले लूं। अब देखना यह है कि इस मामले में पुलिस क्या भूमिका निभाती है या लड़की अपना केस वापिस लेती है।