अमर बोले-सीएम नहीं, मुलायम के बेटे अखिलेश के साथ हूं
उन्होंने कहा कि जब अखिलेश ने शिवपाल यादव को राज्य में पार्टी अध्यक्ष के पद से हटा दिया था तब भी मुझे ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। समाजवादी पार्टी महासचिव और राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने पार्टी में जारी कलह पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ भले न रहें लेकिन पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश के साथ थे, हैं और सब दिन बने रहेंगे।
अमर सिंह ने कहा कि मुलायम को कहने दें कि मैंने अखिलेश के खिलाफ कुछ भी कहा है। नए किस्म के लोग अखिलेश के साथ हैं चूंकि वह सत्ता में हैं। उन्होंने अखिलेश को 'चुगलखोरों' की बातों से सतर्क रहने की सलाह दी। अमर ने कहा कि 'अखिलेश ने मुझे दलाल कहा, इसका दुख है। जब अखिलेश का परिवार डिंपल से उनकी शादी का विरोध कर रहा था, तो मैं ही अखिलेश के साथ खड़ा रहा। अखिलेश की शादी के एलबम में ऐसा कोई फोटो नहीं है जिसमें यह 'दलाल' नहीं है।' ध्यान रहे कि लखनऊ में पार्टी के एक कार्यक्रम में अखिलेश ने अमर सिंह को दलाल तक कह दिया था।
तंज भी कसा
उन्होंने यह तंज भी कसा कि उनकी राहुल गांधी से मुलाकात हो जाती है, लेकिन अखिलेश से नहीं होती। शाहजहां और औरंगजेब अगर मुद्दा है तो अखबार के संपादक को बुलाकर पूछ लीजिए। ध्यान रहे कि अखिलेश ने एक अंग्रेजी अखबार में इस भाषा में सामग्री प्रकाशित करवाने के लिए अमर सिंह पर आरोप लगाए थे।
जान का खतरा
अमर सिंह ने कहा कि उन्हें पार्टी से निष्कासित महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव से जान का खतरा है। उन्होंने कहा, 'रामगोपाल साधारण आदमी नहीं हैं, वह जानते हैं कि कलम का उपयोग कैसे किया जाए और कारबाइन का कैसे। उन्होंने कहा कि अगर मेरी मृत्यु हो जाती है या मुझे चोट पहुंचती है तो रामगोपाल को दोषी ठहराया जाना चाहिए। मैं 15 साल की दो बेटियों और पत्नी के लिए जिंदा रहना चाहता हूं।.. मैं भारत छोड़ दूंगा।.. कृपया मुझे जिंदा रहने दें।' उन्होंने सफाई दी कि उन्होंने कभी भी रामगोपाल को नपुंसक नहीं कहा। उन्होंने कहा, 'मैंने उनका दो बार नाम लिया जिसमें 'बाल गोपाल' भी शामिल है।'
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इसी बीच समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव मे कहा कि मुझे मंत्री का पद नहीं चाहिए, मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। नेताजी मुझे जो भी जिम्मेदारी देंगे, मैं उसे निभाऊंगा।