Move to Jagran APP

क्या आप जानते हैं आपके खान-पान का जायका बिगाड़ रहा आपका सोशल मीडिया, पढ़े रोचक स्टोरी

एक्सपर्ट मानते हैं कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल से न सिर्फ लोग मानसिक और शारीरिक तौर पर बीमार हो रहे हैं बल्कि खान-पान को लेकर उनका व्यवहार भी बदल रहा है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 02:49 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 03:06 PM (IST)
क्या आप जानते हैं आपके खान-पान का जायका बिगाड़ रहा आपका सोशल मीडिया, पढ़े रोचक स्टोरी
क्या आप जानते हैं आपके खान-पान का जायका बिगाड़ रहा आपका सोशल मीडिया, पढ़े रोचक स्टोरी

नई दिल्‍ली, जेएनएन। हो सकता है आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल अच्छे पोस्ट, स्वादिष्ट फूड और अपनी जर्नी या पर्सनल फोटोज को पोस्ट या शेयर करने के लिए करते हों, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है। एक्सपर्ट मानते हैं कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल से न सिर्फ लोग मानसिक और शारीरिक तौर पर बीमार हो रहे हैं, बल्कि खान-पान को लेकर उनका व्यवहार भी बदल रहा है। वे सोशल मीडिया की वजह से उन फूड को अपना रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

loksabha election banner

इंफ्लूएंसर पर करते हैं भरोसा: आजकल सोशल मीडिया पर फूड इंफ्लूएंसर काफी पावरफुल हो गए हैं। फॉलोअर भी उनसे काफी प्रभावित होते हैं, लेकिन हो सकता है आप जिन इंफ्लूएंसर्स को फॉलो कर रहे हैं, वह ऐसी फूड आदतों या फूड को बढ़ावा दे रहा हो, जो आपके लिए सही न हो। किसी के प्रभाव में आकर गलत फूड आदतों को अपनाना बीमार कर सकता है। ऐसे इंफ्लूएंसर से बचने का यही तरीका है कि आप इनकी जगह पर किसी प्रोफेशनल को फॉलो करें। उनके द्वारा बताए जाने वाले खान-पान के साथ आपका खुशहाल रिश्ता बन सकता है।

इंफ्लूएंसर्स के पास एक बड़ी शक्ति और जिम्मेदारी होती है। भले ही उनके पास कोई प्रोफेशनल क्वॉलिफिकेशन या फिर सब्जेक्ट का अच्छा ज्ञान न हो, लेकिन लोग फिर भी उनकी सुनते हैं। कई सारे इंफ्लूएंसर्स यह भी दावा करते हैं कि उनके खाने का तरीका सही है और यह उनके फॉलोअर को स्वस्थ बनाने की गारंटी है। ऐसी बातों या दावों पर पूरी तरह से भरोसा करना ठीक नहीं है, क्योंकि आपको पता नहीं होता है कि ऐसे इंफ्यूएंसर्स के पास इससे संबंधित कोई आधिकारिक डिग्री है भी या नहीं।

सोशल मीडिया से न सीखें भोजन का तरीका: सोशल मीडिया पर जिस तरह के फूड या भोजन को बढ़ावा दिया जाता है, शायद वह आपके लिए सही न हो और न ही आप इंफ्लूएंसर को फॉलो कर सिर्फ शाकाहारी या मांसाहारी फूड पर ही पूरी तरह से निर्भर हो जाएं। किसी एक तरह के खाद्य पर निर्भर होने से शरीर में पोषण संबंधी चीजों की कमी हो सकती है। लंदन बेस्ड ईटिंग डिसऑर्डर मनोचिकित्सक डॉ. मार्क बेरेलोविट्ज कहते हैं कि उनके 80 से 90 फीसद मरीज ब्लॉगर्स के अनुयायी थे और उन्होंने पूरे फूड ग्रुप से बचने का तरीका उनसे ही सीखा था। यह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

स्क्रीन टाइम से खतरा: सोशल मीडिया के इस्तेमाल से आमने-सामने वाले रिश्ते प्रभावित होते हैं और लोगों की फिजिकल एक्टिविटी भी काफी कम हो जाती है। इसके साथ यह स्क्रीन टाइम से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ा सकता है। यदि आप फोन का अधिक उपयोग कर रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि घर से बाहर बिताए जाने वाले समय का उपयोग भी फोन पर ही कर रहे हैं। यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है। यदि आप दिन में छह से आठ घंटे से अधिक बैठे रहते हैं, तो इससे दिल की बीमारी सहित मधुमेह और कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। स्क्रीन को देखते हुए या सोशल मीडिया को स्क्रॉल करते हुए भोजन करना भी एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि इससे ओवरवेट यानी मोटापे की समस्या हो सकती है।

आधी से ज्यादा आबादी इंटरनेट पर: स्टेटिस्टा के मुताबिक, आज दुनिया की तकरीबन 60 फीसद (4.5 अरब) आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही है। बात सोशल मीडिया की करें, तो तकरीबन दुनिया की आधी आबादी सोशल मीडिया पर है। 49 फीसद यानी दुनिया की 3.9 अरब आबादी आज फेसबुक, ट्विटर, स्नैपचेट और दूसरे सोशल मीडिया एप्स और वेबसाइट्स का इस्तेमाल कर रही है। अधिकतर यूजर इन प्लेटफॉर्म पर तकरीबन 2 घंटे से अधिक समय फोटो शेयरिंग, ट्विटिंग, कमेंट्स आदि जैसी एक्टिविटीज में बिताते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.