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इस्लाम को मानने वाले कैसे कर सकते हैं खून-खराबा : महबूबा मुफ्ती

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कहा कि इस्लाम को मानने वाले कैसे इस पाक माह में खून-खराबा कर सकते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 10:17 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 10:29 PM (IST)
इस्लाम को मानने वाले कैसे कर सकते हैं खून-खराबा : महबूबा मुफ्ती

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पांपोर हमले को रमजान के साथ जोड़ते हुए कहा कि इस्लाम को मानने वाले कैसे इस पाक माह में खून-खराबा कर सकते हैं। कैसे ये लोग सुरक्षाबलों के परिजनों के लिए दुख और तकलीफ पैदा करने के बारे में सोच सकते हैं।

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जिन्होंने भी यह किया है, उन्होंने इस्लाम को बदनाम करते हुए जम्मू-कश्मीर को भी नुकसान पहुंचाया है। महबूबा ने शहीदों के परिजनों के साथ अपनी सहानुभूति जताते हुए कहा कि मैं उनका दुख और तकलीफ समझ सकती हूं। महबूबा ने रविवार को हुमहामा में पांपोर हमले में शहीद हुए आठ सीआरपीएफ कर्मियों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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उन्होंने कहा कि पांपोर हमला न इस्लाम के हक में है और न हमारी रियासत के हक में। यह हमला रियासत में सुलह और अमन बहाली के लिए राज्य सरकार की कोशिशों को नाकाम बनाने की एक साजिश है। अवाम को चाहिए कि वह लोगों के लिए दुख व तकलीफ पैदा करने वाले इन तत्वों को अलग थलग करें। इस बीच, शहीदों के पार्थिव शरीर भावपूर्ण माहौल में उनके परिजनों के पास भेज दिए गए।

पांपोर में आंसूगैस का गोला फटने से पुलिसकर्मी की मौत

श्रीनगर । जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित पांपोर में शनिवार को मुठभेड़ के दौरान मारे गए दो पाकिस्तानी आतंकियों के विरोध में क्षेत्र में रविवार को हड़ताल रही। सुबह कुछ लोगों ने फ्रिस्तबल और पांपोर के मुख्य बाजार में नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालने का प्रयास भी किया, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैनात सुरक्षाबलों में शामिल एक पुलिसकर्मी की आंसूगैस का गोला फटने से मौत हो गई। मृतक पुलिसकर्मी की पहचान मेहराजुद्दीन बाबा निवासी त्राल के रूप में हुई है।

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