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16 लाख रुपये की भारी भरकम बोली लगाकर खरीदा '0001' नंबर, टूटा रिकॉर्ड

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वीआइपी, फैंसी फिगर वाले नंबरों के लिए पिछले कुछ सालों के दौरान लोगों में रुझान बढ़ा है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 10:29 PM (IST)
16 लाख रुपये की भारी भरकम बोली लगाकर खरीदा '0001' नंबर, टूटा रिकॉर्ड
16 लाख रुपये की भारी भरकम बोली लगाकर खरीदा '0001' नंबर, टूटा रिकॉर्ड

नई दिल्ली (जेएनएन)। गाड़ियों में स्टेटस सिंबल बन चुके वीआइपी नंबर को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज है। आलम यह है कि शौकीन लोग इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार रहते हैं। वीआइपी नंबर '0001' पाने के लिए दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी ने 16 लाख रुपये की भारी भरकम रकम चुकाई है। 

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इतनी बड़ी रकम देकर '0001' नंबर पाने वाली प्राइवेट कंपनी हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से ताल्लुक रखती है। कंपनी में दिल्ली सरकार की ई-नीलामी में बोली लगाकर यह नंबर पाया है। परिवहन विभाग के सूत्रों ने बताया कि ‘0001’ नंबर के लिए प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी बोली लगी।

दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इतनी बड़ी रकम देकर वीआइपी नंबर खरीदने को लेकर यह दिल्ली का रिकॉर्ड है। इससे पहले नंबर के लिए इतनी बड़ी रकम नहीं चुकाई गई है। 

यहां पर बता दें कि इससे पहले '0001' सीरीज का नंबर पाने के लिए वर्ष 2014 में 12.50 लाख रुपये चुकाए गए थे। यह दूसरी बड़ी रकम है। इससे अगले साल यानी वर्ष 2015 में  '0001' सीरीज के नंबर के लिए 12.10 लाख रुपये दिए गए थे। 

अधिकारियों के मानें तो लोग ऐसे वीआइपी नंबरों के लिए अजीब तर्क देते हैं। मसलन, लोग जन्म तिथि से लेकर ज्योतिषीय और संख्यात्मक संख्या को आधार बनाकर ऐसे नंबर पाने की इच्छा ही नहीं जताते, बल्कि बड़ी से बड़ी रकम भी चुकाते हैं। 

परिवहन विभाग के मुताबिक, वीआइपी नंबरों की नीलामी से सरकार के खज़ाने में अप्रत्याशित रूप से पैसे आए हैं। विभाग का कहना है कि पिछले छह महीने के दौरान उसे 54.74 लाख रुपये हासिल हुए हैं।

इतनी बड़ी रकम पाने के लिए 29 फैंसी नंबर बेचे। वहीं, पिछले साल ऐसे 151 नंबरों की बिक्री कर परिवहन विभाग ने 2.29 करोड़ रुपये कमाए थे। 

स्पेशल कमिश्नर ऑफ केके दहिया का कहना है कि ऐसे फैंसी नंबरों की मांग सर्दी के दौरान या फिर फेस्टिव सीजन के दौरान होती है। खासकर दीपावली त्योहार के दौरान जब कारों की बिक्री अपने चरम पर होती है।

वहीं, विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वीआइपी, फैंसी फिगर वाले नंबरों के लिए पिछले कुछ सालों के दौरान लोगों में रुझान बढ़ा है। आलम यह है कि इन नंबरों के प्रति लोगों में रुझान लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इनमें ज्यादा कंपनियां होती हैं।  

यह भी जानें

- वीआइपी नंबरों के शौकीन लोग बॉन्ड स्टाइल '0007' और '0009' को समान रूप से लोग प्राथमिकता देते हैं।

- वर्ष 2015 में '0007'  नंबर 10.40 लाख रुपये में बिका था। वहीं, एक शख्स ने इसी साल '0009' नंबर पाने के लिए 8.50लाख रुपये अदा किए थे। 


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