अस्पताल और महिला थाने में खुलेगा निर्भया केंद्र
उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को एक छत के नीचे चिकित्सा, कानूनी मदद, काउंसिलिंग और पुनर्वास की सुविधा के लिए महिला चिकित्सालयों व महिला थानों में निर्भया केंद्र खोलने पर शासन ने मुहर लगा दी है। महिला कल्याण को इसका नोडल विभाग बनाने और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय प्रेक्षण कमेटी बनाने पर भी सहमति हुई है।
लखनऊ ब्यूरो। उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को एक छत के नीचे चिकित्सा, कानूनी मदद, काउंसिलिंग और पुनर्वास की सुविधा के लिए महिला चिकित्सालयों व महिला थानों में निर्भया केंद्र खोलने पर शासन ने मुहर लगा दी है। महिला कल्याण को इसका नोडल विभाग बनाने और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय प्रेक्षण कमेटी बनाने पर भी सहमति हुई है।
केंद्र सरकार के बाल एवं विकास मंत्रालय ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में निर्भया केंद्र की स्थापना के लिए धन उपलब्ध कराने की सहमति दी थी। शुक्रवार को यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य, गृह, महिला कल्याण के प्रमुख सचिवों की बैठक में निर्भया केंद्र के लिए स्थायी भवन तैयार होने तक जिला मुख्यालयों पर स्थित महिला अस्पताल व थानों में स्थान तय करने पर सहमति जताई गई। महिला कल्याण को नोडल महकमा नामित करने के साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर कमेटी गठित करने का भी फैसला किया गया जो इन केंद्रों की कार्य प्रणाली की निगरानी करेगी।
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि निर्भया केंद्रों के साथ महिला सशक्तीकरण के तहत आशा ज्योति केंद्रो में एकीकृत सुविधा केंद्र की स्थापना भी जल्द करायी जाएगी। निर्भया मोबाइल एप्लीकेशन से इन केंद्रो को जोड़ा जाएगा। सीएसआर के तहत बाल गृह एवं वृद्धाश्रम युक्त थीम पार्क विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं पीड़िता को फौरन सहायता दिलाने के लिए गंभीर है। निर्भया केंद्रों में पीड़ित की एफआइआर दर्ज कराने का इंतजाम भी होगा।
निर्भया केंद्र की सुविधा
- पीड़ित महिला को कानूनी मदद
- तहरीर लिखने और उस पर एफआइआर दर्ज कराने की सुविधा
- मुकदमों की पैरवी की सुविधा
- पुनर्वास में मदद और काउंसिलिंग की सुविधा
- मुफ्त इलाज की सुविधा