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शिवसेना से दोस्ती बरकरार रहने की उम्मीद : फड़नवीस

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भाजपा और शिवसेना की दोस्ती कायम रहने की उम्मीद जताई है। उन्होंने भरोसा जताया कि जल्दी ही शिवसेना के साथ समझौता हो जाएगा। फड़नवीस ने कहा कि भाजपा ने अभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 'एकतरफा' समर्थन को न तो स्वीकार किया है और

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 22 Nov 2014 06:58 PM (IST)Updated: Sat, 22 Nov 2014 07:20 PM (IST)
शिवसेना से दोस्ती बरकरार रहने की उम्मीद : फड़नवीस

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भाजपा और शिवसेना की दोस्ती कायम रहने की उम्मीद जताई है। उन्होंने भरोसा जताया कि जल्दी ही शिवसेना के साथ समझौता हो जाएगा। फड़नवीस ने कहा कि भाजपा ने अभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 'एकतरफा' समर्थन को न तो स्वीकार किया है और न ही समर्थन लेने से इंकार किया है।

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विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए राकांपा का समर्थन लेने पर हुए विरोध को लेकर फड़नवीस ने कहा कि 22 साल के अपने पूरे राजनीतिक करियर में उन्हें पहले कभी इतनी आलोचना नहीं झेलनी पड़ी। एक समारोह में फड़नवीस ने कहा कि शिवसेना हमेशा भाजपा की मित्र रही है और उम्मीद है कि भविष्य में भी वह दोस्त बनी रहेगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र में भाजपा के प्रभारी और केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के बयान के दो दिन बाद की है। रूडी ने कहा था कि शिवसेना के साथ चल रही वार्ता के परिणामस्वरूप कुछ अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है। फड़नवीस ने दोनों पार्टियों में सुलह के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा मध्यस्थता किए जाने की बात से इंकार किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस कभी मध्यस्थता नहीं करता। संघ राजनीति में नहीं है। यह ऐसा शक्ति केंद्र है जहां से हमें राष्ट्रीयता की शक्ति मिलती है। दोनों पार्टियां पिछले 25 साल से मिलकर काम कर रही हैं। हम आपस में बात कर सकते हैं।

फड़नवीस ने कहा कि राकांपा ने सरकार को एकतरफा समर्थन की घोषणा की है। भाजपा ने न तो उनका समर्थन लेने से इंकार किया है और न ही इसे स्वीकार किया है। आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री की तरह नहीं बनना चाहते, जो जिम्मेदारी छोड़कर भाग जाए। फड़नवीस ने कहा कि उनके पास अरविंद केजरीवाल बनने और जिम्मेदारी छोड़ने का विकल्प था। लेकिन मैं चाहता हूं कि मेरी पहचान मेरे काम से हो।

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