आइएस से निपटने की तैयारी, कटेगी आतंक की सप्लाई लाइन
आतंकवाद के खिलाफ पहले से सख्ती बरत रहे गृह मंत्रालय ने आइएस जैसे संगठनों की भारत में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए अपनी मुहिम और तेज कर दी है। इसके तहत आतंकी फैक्ट्रियों में भर्ती पर पैनी नजर रखने के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के साथ बेहतर तालमेल बनाने का
मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ पहले से सख्ती बरत रहे गृह मंत्रालय ने आइएस जैसे संगठनों की भारत में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए अपनी मुहिम और तेज कर दी है। इसके तहत आतंकी फैक्ट्रियों में भर्ती पर पैनी नजर रखने के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के साथ बेहतर तालमेल बनाने का प्रयास किया जाएगा।
शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान दर्जनभर राज्यों के साथ इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की गई। कुछ राज्यों ने माना कि उनके यहां अल्पसंख्यक युवाओं के बीच आतंकी विचारधारा को तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और सोशल मीडिया पर चल रहे अभियानों से भी कुछ युवा प्रभावित हो रहे हैं। राज्यों का कहना था कि आतंकी फैक्ट्रियां यहां अपने लिए कच्चा माल तलाश रही हैं, जिसे तत्काल रोकना जरूरी है।
गृह मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी इन तथ्यों की पुष्टि की है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह पिछले दिनों मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस संबंध में विस्तार से चर्चा कर चुके हैं। इसके बाद अधिकारियों ने विस्तार से योजना का खाका तैयार किया है। बैठक में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल व असम के गृह सचिवों और पुलिस महानिदेशकों ने भाग लिया।
रास्ते पर आए भ्रमित युवा
बैठक के दौरान बताया गया कि हाल ही में तेलंगाना व महाराष्ट्र के डेढ़ दर्जन युवाओं को आतंकवादी संपर्क से दूर करने में कामयाबी मिली है। ये जल्द ही सीरिया और मध्य पूर्व के देशों में जाने वाले थे। इनके इरादों का पता लगने के बावजूद इन भ्रमित युवाओं को जेल में डालने के बजाय लंबे समय तक सिर्फ मनोवैज्ञानिक परामर्श की मदद से मुख्यधारा में लाया गया।
ऐसे लगेगी रोक
-अपने खुफिया तंत्र को और बेहतर करेगी सरकार
-सोशल मीडिया के जरिये द्वेष फैलाने पर कड़ी नजर
-सूचना पर तत्काल कार्रवाई की व्यवस्था की जाएगी
-अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं का साथ लिया जाएगा
-भ्रमित युवाओं को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाएगा
इसलिए सतर्क है सरकार
-एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक यहां और विदेश में बैठे कुछ लोग भारतीय मुस्लिम युवकों की आइएस में भर्ती करवा रहे हैं।
-कश्मीर में भी कई बार आइएस का झंडा लहराया गया है। इससे साफ है कि इस आतंकी संगठन ने भारत में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं।
-कुछ समय पहले सामने आई एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार आइएस भारत पर हमला करने की योजना बना रहा है।
-एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार इंडियन मुजाहिदीन आइएस में भर्ती के लिए भारतीय मुसलमानों को बरगलाने का काम कर रहा है।
-आइएस की निगाह ऐसे युवाओं पर है जो इस्लामी शासन का ख्वाब देख रहे हैं। 20 से 22 साल के नेट सैवी मुस्लिम युवा उसकी पहली पसंद हैं।