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राजनाथ के बयान पर सोनिया का पलटवार, बोलीं- खतरे में संविधान

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो चुकी है। पहले संविधान दिवस पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने जो सपना देखा उसे आगे बढाने की जिम्मेदारी हम सभी लोगों की है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 12:13 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 01:19 PM (IST)
राजनाथ के बयान पर सोनिया का पलटवार, बोलीं- खतरे में संविधान

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो चुकी है। लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने सविधान निर्माण में किसी तरह की भूमिका नहीं निभाई वो संविधान की बात कर रहे हैं। कोई भी संविधान कितना ही अच्छा क्यों न हो अगर लागू करने वाले की नीयत ठीक नहीं है तो उसका असर गलत ही होगा। हमने पिछले दिनों जो भी कुछ देखा वो संविधान के खिलाफ है। आज खुशी और दुख दोनों का दिन है, दुख इसलिए कि जिन्होंने संविधान का निर्माण किया उन आदर्शों पर खतरा मंडरा रहा है। संविधान सभा को कदम कदम पर चार लोगों का समर्थन मिला वो राजेंद्र प्रसाद सरदार पटेल पंडित नेहरू और बाबा साहेब अंबेडकर थे। भारतीय संविधान का इतिहास पुराना है और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है।

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पहले संविधान दिवस पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने जो सपना देखा उसे आगे बढाने की जिम्मेदारी हम सभी लोगों की है। गृहमंत्री ने कहा कि आज कल देश में एक नयी तरह की बयार बह रही है जिसमें ये बताया जा रहा है कि देश असहिष्णु हो चुका है और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। लेकिन सच ये है कि संवैधानिक नियम और कानूनों से सरकार काम कर रही है पीएम पहले ही साफ कर चुके हैं कि देश के बुनियादी आदर्शों से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत की राजनीति में अगर किसी शब्द का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हुआ है तो वो सेक्युलर शब्द रहा है। बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावना में इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। क्योंकि वो जानते थे कि इस देश की परंपरा ही पंथ निरपेक्षता की रही है। ये तो महज कुछ फायदे के लिए संविधान में संशोधन करके इस शब्द को जोडा़ गया। उन्होंने कहा कि धर्म निरपेक्षता की जगह पंथ निरपेक्षता शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए।

गृहमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने समतामूलक समाज की स्थापना के लिए आरक्षण की संकल्पना की थी। आरक्षण, सामाजिक और राजनीतिक जरुरत है। इस मुद्दे पर किसी तरह की बहस की गुंजाइश नहीं है। सामाजिक तौर से हासिए पर गए लोगों को मुख्य धारा में शामिल करने का ये सबसे बड़ा हथियार है लेकिन जिस तरह पिछले दिनों भ्रम फैलाया गया वो सही नहीं था।सरकार पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स में 25 फीसद आरक्षण के पक्ष में हैं। सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है।

गृहमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक होने पर सवाल उठाया जाता है लेकिन ये तो भारत की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि वेदों और पुराणों में इसका जिक्र है, उन्होंने कहा कि भगवान राम से ज्यादा लोकतांत्रिक कौन था। लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं महज राजनीतिक तौर पर निशाना साधने के लिए केंदर सरकार को गैरलोकतांत्रिक करार देना उचित नहीं है। पीएम राष्ट्रीय मंचो पर बार बार कहते हैं ये सरकार सबका साथ, सबका विकास के आदर्श पर काम कर रही है और उस आदर्श विचार के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।

गृह मंत्री के भाषण के दौरान लोकसभा में हंगामा हुआ, वहीं श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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