किसान खुदकुशी: जांच को लेकर दिल्ली सरकार और पुलिस में ठनी
दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की आत्महत्या की जांच को लेकर दिल्ली पुलिस और दिल्ली की आप सरकार में ठन गई है। दिल्ली पुलिस ने डीएम को चिट्ठी लिखी है कि वह जांच नहीं कर सकते। किसान की मौत
नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की आत्महत्या को लेकर दिल्ली पुलिस ने इस मामले की हर पहलू की जांच किए जाने का एलान किया है। जानकारी के मुताबिक गजेंद्र को दिल्ली किसने बुलाया, वह दिल्ली क्यों आया, कहां ठहरा। इन सभी बिन्दुओं पर दिल्ली पुलिस गहन पड़ताल करेगी। यही नहीं गजेंद्र ने किस-किस व्यक्ति से फोन पर क्या बात की, इनसे जुड़ी सभी कॉल डिटेल की जांच की जाएगी। साथ ही दिल्ली पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में आम आदमी पार्टी का भी शामिल किया है।
आप की ओर से पुलिस पर किसान को बचाने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाए जाने के बाद पुलिस ने प्राथमिकी में कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सहयोग नहीं किया है। प्राथमिकी में कहा गया है, यह पूर्ण रूप से एक ऐसी घटना है जहां आप के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने व्यक्ति को खुदकुशी के लिए उकसाया तथा उन्होंने पुलिस की ओर से किए गए आग्रह की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। भारतीय दंड संहिता की धाराओं 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), 186 (सार्वजनिक कार्यक्रम में लोक सेवक के काम में बाधा डालना) और 34 (साझा इरादा) के तहत संसद मार्ग थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली की आप सरकार में जांच को लेकर आमने सामने हैं। दिल्ली पुलिस ने डीएम को चिट्ठी लिखी है कि वह जांच नहीं कर सकते। किसान की मौत मामले की जांच दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के डीएम दोनों कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन काम करती है जबकि डीएम राज्य के अधीन। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी जांच डीएम से कराने का आदेश दिया था। इसी बीच दिल्ली पुलिस प्रमुख बस्सी ने कहा कि शुरुआती जांच में मामला खुदकुशी का लगता है। इससे पहले, इस मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लोकसभा में दिए बयान को झूठा बताते हुए आप नेता कुमार विश्वास ने कहा कि गजेंद्र का बलिदान खाली नहीं जाएगा।
कुमार विश्वास ने राजनाथ सिंह पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि गृहमंत्री द्वारा गजेंद्र सिंह को आत्महत्या के लिए उकसाये जाने वाला बयान गलत है। इसके साथ ही विश्वास ने पुलिस को काम करने से रोकने के आरोप को भी गलत बताया।
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अापको बता दें कि राजनाथ सिंह ने लोकसभा में किसान के आत्महत्या पर बयान देते हुए कहा कि कल 22 अप्रैल को आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान राजस्थान से आए एक शख्स की मौत हो गई। वह रैली के दौरान झाड़ू लेकर पेड़ पर चढ़ गए। उन्होंने अपने गमछे का एक सिरा गले और दूसरा पेड़ में बांध दिया। पुलिस ने तब तक फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी मंगा ली थी।
इस दौरान पुलिस ने नीचे खड़े लोगों को ताली बजाने और शोर मचाने से रोका ताकि वह कुछ गलत करने के लिए प्रेरित ना हो। पर भीड़ नहीं मानी और ताली बजाना व शोर मचाना जारी रखा। अब यह दुर्घटना किन कारणों से हुई, इसकी जांच की जाएगी।
वहीं दिल्ली पुलिस ने भी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया कि किसान को अस्पताल ले जाते समय आप कार्यकर्ताओं ने पुलिस को रोका था। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह आम आदमी पार्टी को बर्बाद करने की साजिश है।
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