Move to Jagran APP

श्रीनगर पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह, स्थानीय नागरिकों से हालात पर हुआ संवाद

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंच गए है। यहां पर पहुंचने के बाद उन्होंने हालात पर स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की।

By kishor joshiEdited By: Published: Sat, 23 Jul 2016 01:24 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jul 2016 03:31 PM (IST)
श्रीनगर पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह, स्थानीय नागरिकों से हालात पर हुआ संवाद

श्रीनगर(जेएनएन)। कश्मीर के लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने के अपने वायदे को पूरा करने के लिए दो दिवसीय श्रीनगर दौरे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहुंच गए हैं। यहां पहुंचते ही उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की। इसके अलावा गृहमंत्री ने शिकारा वाले और हाउसबोट मालिकों से मुलाकात कर उनकी समस्याअों से रुबरु हुए। राजनाथ ने हर संभव मदद का अाश्वासन भी दिया।

loksabha election banner

बताया जा रहा है कि शनिवार और रविवार को यहां वे विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात करेंगे। लेकिन खुद को कश्मीरियों की असली आवाज कहने वाले हुर्रियत नेताओं को इसमें जगह नहीं मिलेगी।

लगभग एक हफ्ते की शांति के बाद शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ नई झड़पों और इसमें एक युवक की मौत को देखते हुए राजनाथ सिंह की यात्रा को अहम माना जा रहा है।

पढ़ें- आतंकी हाफिज सईद ने फिर उगला ज़हर, कश्मीर पर भारत को दी ये धमकी

गौरतलब है कि राजनाथ सिंह ने संसद के दोनों सदनों में कश्मीर पर चर्चा का जवाब देते हुए कश्मीरियों से सीधा संवाद कायम करने का वायदा किया था। उनका कहना था कि कश्मीर का आम नौजवान देशभक्त और शांतिप्रिय है। लेकिन पाकिस्तान के बहकावे में कुछ नौजवान रास्ते भटक गए हैं। कश्मीर के ताजा घटनाक्रम के लिए उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था।

अपने वायदे के मुताबिक श्रीनगर में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात कर राजनाथ सिंह वहां के लोगों का मिजाज भांपने की कोशिश करेंगे। इसके साथ ही वे उन्हें यह संदेश भी देंगे कि कश्मीर का विकास और वहां के लोगों की भलाई भारत के साथ रहने में है। वे कश्मीर के विकास के लिए मोदी सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी भी देंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल की चुनने की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंपी गई है, जिनमें सभी वर्गों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि को शामिल करने की कोशिश की जाएगी।

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने की याचिका पर SC में अगले हफ्ते सुनवाई

लेकिन राजनाथ सिंह के एजेंडे में हुर्रियत नेताओं से मिलने का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है। ध्यान देने की बात यह है कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से हुर्रियत को कश्मीरियों का प्रतिनिध मानने से इनकार कर दिया था। यहां तक हुर्रियत नेताओं से बातचीत के कारण विदेश सचिव स्तर की बातचीत भी रद्द कर दी गई। यही नहीं, पिछले दिनों कश्मीर के हालात पर चर्चा के दौरान संसद के दोनों सदनों हुर्रियत का किसी ने नाम भी नहीं लिया था। हुर्रियत नेता अपनी पाकिस्तान परस्ती के लिए बदनाम रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.