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एचआइवीग्रस्त युवती ने मांगी गर्भपात की इजाजत

एक युवक महाराष्ट्र की रहने वाली युवती को बहला-फुसला कर दिल्ली लाया और एक कोठे पर बेच दिया। कोठे पर युवती से जबरन देहव्यापार कराया जाने लगा। एक दिन पुलिस ने छापा मारकर युवती को मुक्त करा लिया और उसे नारी-निकेतन भेज दिया गया। युवती नए सिरे से जीवन की शुरुआत करना चाहती थी, मगर तभी उसे पता चल

By Edited By: Published: Wed, 04 Dec 2013 12:56 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2013 01:50 AM (IST)
एचआइवीग्रस्त युवती ने मांगी गर्भपात की इजाजत

नई दिल्ली, [पवन कुमार]। एक युवक महाराष्ट्र की रहने वाली युवती को बहला-फुसला कर दिल्ली लाया और एक कोठे पर बेच दिया। कोठे पर युवती से जबरन देहव्यापार कराया जाने लगा। एक दिन पुलिस ने छापा मारकर युवती को मुक्त करा लिया और उसे नारी-निकेतन भेज दिया गया। युवती नए सिरे से जीवन की शुरुआत करना चाहती थी, मगर तभी उसे पता चला कि वह गर्भवती है। उसने गर्भपात कराना चाहा, मगर नारी-निकेतन ने उसे ऐसा नहीं करने दिया। इसके चलते अब युवती ने दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली है। युवती का कहना है कि वह एचआइवी ग्रस्त है। बच्चा पैदा करने से उसे व बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। वह यह बच्चा पैदा नहीं करना चाहती, क्योकि इसके आने से उसके जीवन में परेशानियां बढ़ेंगी। लिहाजा, उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए।

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न्यायमूर्ति सुनीता गुप्ता की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं, खंडपीठ ने इस मामले में दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल को एक मेडिकल बोर्ड गठित कर युवती की शारीरिक स्थिति की जांच कर गर्भपात करने के संबंध में अपनी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किए हैं। अब इस मामले की सुनवाई 6 दिसंबर को होगी।

19 वर्षीय युवती ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि 2011 में उसे एक युवक बहला-फुसला कर दिल्ली ले आया और उसे कोठे पर बेच दिया। वह महाराष्ट्र के शोलापुर जिले की रहने वाली है। पुलिस ने एक दिन छापा मारकर उसे मुक्त करा लिया। उस पर देह व्यापार का एक मामला भी दर्ज है। इसलिए मामले का निपटारा होने तक उसे नारी-निकेतन भेज दिया गया। यहां पर रहते हुए वह नए सिरे से जिंदगी जीने का प्रयास कर रही थी कि एक दिन उसे पता चला कि वह 19 सप्ताह के गर्भ से है। उसने गर्भपात कराना चाहा, मगर नारी निकेतन ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट, 1971 का हवाला देते हुए उसे इसकी अनुमति नहीं दी। उसने मामले में तीसहजारी कोर्ट में याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी। मगर, अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी।

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